देहरादून।
200 करोड़ का है राज्य में साहसिक पर्यटन कारोबार, माउंटेनिंग, ट्रेकिंग, रॉफ्टिंग, साइकिलिंग को हर साल पहुंचते हैं लाखों पर्यटक, पर्यटकों में तेजी से बढ़ रही है छोटे बड़े ट्रेक रुट पर ट्रेकिंग की मांग
साहसिक पर्यटन को लेकर देश, विदेश में उत्तराखंड की एक अलग पहचान बनती जा रही है। यही वजह है, जो कुछ सालों के भीतर उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को लेकर बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही वजह है, जो पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन का कारोबार 200 करोड़ के करीब पहुंच गया है।
नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन के निदेशक मंजुल रावत ने बताया कि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों में ट्रेकिंग को लेकर तेजी से क्रेज बढ़ा है। न सिर्फ ट्रेकिंग, बल्कि माउंटेनिंग को लेकर भी युवाओं में खासा क्रेज बढ़ा है। यही वजह है, जो पिछले कुछ समय में उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में ट्रेकिंग, माउंटेनिंग करने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। न सिर्फ ट्रेकिंग, माउंटेनिंग, बल्कि रॉफ्टिंग भी साहसिक पर्यटन का एक बड़ा सेक्टर बन कर उभरा है। रॉफ्टिंग को लेकर कौड़ियाला, शिवपुरी, ऋषिकेश का क्षेत्र पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। साइकिलिंग, बंजी जपिंग, मोटर बाइकिंग के आयोजन तेजी से बढ़ रहे हैं।
प्रमुख ट्रेक रूट
कालिंदी खाल पास, लमखागा, रुपिन पास, पिंडारी ट्रेक, लार्ड कर्जन, रूपकुंड, दयारा बुग्याल, नाग टिब्बा, चंद्रशिला ट्रेक, श्री हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, लाल टिब्बा, टिफिन टॉप, गन हिल पाइंट
प्रमुख चोटियां
ऋषि पहाड़, देवतोली, गरूर पर्वत, मांडा, ऋषि कोट, काली ढांग, भिरगु पवर्त, नंदा लापक, रतनगेरियन, यान बुक, महालय पर्वत, नर पर्वत, नारायण पर्वत
अनिवार्य किए जाएं ट्रेकिंग के दौरान सेटेलाइट फोन
नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन के निदेशक मंजुल रावत ने कहा कि ट्रेकिंग पर जाने वाले हर ग्रुप के लिए न्यूनतम एक सेटेलाइट फोन अनिवार्य किया जाए। बाकायदा इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराया जाए। ताकि किसी भी हादसे की स्थिति में तत्काल संपर्क किया जा सके। संकट में फंसे लोग तत्काल मदद मांग सकें। साफ किया कि निम एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण संस्थान है। इसे कमर्शियल संस्थान न बनाया जाए। इसका पूरा जोर प्रशिक्षण पर ही रहे। इसका व्यवसायिककरण होने से गुणवत्ता प्रभावित होना तय
बड़े और दुर्गम ट्रेक में एडवांस ट्रेंड लोकल लायजन अफसर को मिले जिम्मेदारी
बताया कि बड़े और दुर्गम ट्रेक में लायजन अफसर की व्यवस्था पूरी तरह सुनिश्चित कराई जाए। पूरी तरह सुनिश्चित कराया जाए कि दुर्गम क्षेत्रों में होने वाली ट्रेकिंग में एडवांस ट्रेंड लोकल लायजन अफसरों को ही जिम्मेदारी मिले। सपोर्ट स्टाफ भी लोकल हो। इससे जहां स्थानीय लोगों को रोजगार सुनिश्चित होगा, बल्कि स्थानीय परिस्थितियों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने वाले लायजन अफसर का अधिक बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।