एसीपी की पुरानी व्यवस्था हो बहाल, सीएम से मिले बिजली कर्मचारी, ऊर्जा ऑफिसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने सीएम के समक्ष रखा अपना पक्ष, एसीपी की पुरानी व्यवस्था 9, 14, 19 वर्ष को लागू करने को दिसंबर 2017 का समझौता हो लागू 

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एसीपी की पुरानी व्यवस्था हो बहाल, सीएम से मिले बिजली कर्मचारी, ऊर्जा ऑफिसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने सीएम के समक्ष रखा अपना पक्ष, एसीपी की पुरानी व्यवस्था 9, 14, 19 वर्ष को लागू करने को दिसंबर 2017 का समझौता हो लागू

देहरादून।

पॉवर सेक्टर में एश्योर कैरियर प्रोग्रेस(एसीपी) की पुरानी व्यवस्था लागू करने को लेकर ऊर्जा ऑफिसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से वार्ता की। सीएम के समक्ष अपना पक्ष रखा। साफ किया कि एसीपी की पुरानी व्यवस्था 9, 14, 19 वर्ष को लागू किया जाए। इसके लिए दिसंबर 2017 में हुए समझौते को लागू किया जाए।
एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष डीसी गुरुरानी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सीएम को नई एसीपी की खामियां गिनाई। बताया कि सातवें वेतनमान के बाद एसीपी की व्यवस्था 10, 20, 30 वर्ष कर दी गई है। इससे बड़ा वित्तीय नुकसान हो रहा है। हर महीने कर्मचारियों को चार हजार से लेकर 40 हजार तक का नुकसान हो रहा है। जबकि सरकार की ओर से पे प्रोटेक्शन का आश्वासन दिया गया। उसके बाद भी किसी भी कर्मचारी का वेतन बढ़ा नहीं, उल्टा कम जरूर हो गया।
कर्मचारियों को दिसंबर 2017 में आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों को पूरा कर दिया जाएगा। इसके बावजूद आज साढ़े तीन साल गुजरने जा रहे हैं। इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसे लेकर कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है। क्योंकि दिसंबर 2017 में बड़े आंदोलन को शांत कराते हुए आश्वासन दिया गया था। इसके बाद भी सरकार ने कोई तवज्जो नहीं दी। कर्मचारियों को हर महीने वित्तीय नुकसान हो रहा है। कोई सुनने को तैयार नहीं है। एसीपी की फाइल निगम प्रबंधन से शासन के बीच ही झूल रही है। सीएम ने कर्मचारियों को जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। कहा कि सभी जायज मांगों को जल्द मान लिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष डीसी गुरुरानी, संगठन मंत्री मनोज रावत, गंगा सिंह ल्वाल, डीके कश्यप, सीआर पुरोहित आदि मौजूद रहे।

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