Site icon GAIRSAIN TIMES

सचिवों के बाद अब छोटे नौकरशाह भी कर्मचारियों के निशाने पर, सीधे सीएम से की शिकायत

सचिवों के बाद अब छोटे नौकरशाह भी कर्मचारियों के निशाने पर, सीधे सीएम से की शिकायत
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
सचिवों के बाद अब दूसरी पंक्ति के जूनियर नौकरशाह भी कर्मचारियों के निशाने पर आ गए हैं। राज्य के अधिकतर कर्मचारी संगठनों ने निदेशक बाल विकास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों को जबरन रिटायर किए जाने के आदेश के बाद कर्मचारियों ने सीधे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से निदेशक की शिकायत करते हुए उन्हें हटाने की मांग की है।
उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी शिक्षक संगठन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर निदेशक महिला बाल विकास की कार्यशैली पर सवाल उठाए। निदेशक पर कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप लगाया। कहा कि जब कोरोना के कारण सरकार तबादले नहीं कर रही है, तो निदेशक स्तर से क्यों मध्य सत्र में तबादले किए जा रहे हैं। प्रदेश में संबद्धीकरण की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। इसके बाद भी बाल विकास विभाग में सम्बद्धीकरण किस नियम के तहत हो रहा है।
संगठन के अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार और महासचिव पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि जबरन सेवानिवृत्ति पर भेजे जाने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। निदेशालय में कर्मचारियों का उत्पीड़न हो रहा है। कहा कि तत्काल जबरन सेवानिवृत्ति को वापस लिया जाए। ऐसा न होने पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन होगा। जिन कर्मचारियों का वेतन निदेशालय से जारी होता है, उन्हें भी निदेशालय से बाहर भेज दिया गया है। इसे लेकर निदेशालय में तनाव की स्थिति बनी हुई है। संगठन ने निदेशक को हटाने की मांग की। उपाध्यक्ष बनवारी सिंह रावत, संदीप कुमार मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें, ताकि कर्मचारियों का मनोबल बना रह सके। यदि जल्द अनिवार्य सेवा निवृत्ति समाप्त नहीं होती। स्थानान्तरण, संबद्धीकरण समाप्त नहीं होते, तो आंदोलन तय है।

Exit mobile version