देहरादून।
बेहद कांटे के मुकाबले में फंसी बदरीनाथ विधानसभा सीट पर प्रचार की कमान अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने हाथों में ले ली है। लोकसभा चुनाव में राजेंद्र भंडारी के ऐन मौके पर कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामने के कारण ये चुनाव हो रहा है। बदरीनाथ सीट पर उपचुनाव बेहद दिलचस्प और कांटे का हो चुका है। कांग्रेस ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक कर भाजपा को मुश्किल में डाल रखा है। ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी हर चुनाव की तरह इस उपचुनाव में भी अब संकटमोचक की भूमिका में हैं। उनके चुनाव प्रचार में उतरते ही भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी की भंवर में फंसी नैय्या पार अब आगे बढ़ती नजर आ रही है। सीएम धामी इस उपचुनाव में भी महेंद्र सिंह धोनी की तरह बेस्ट फिनिशर की भूमिका में हैं।
ये पहला मौका नहीं है, जब सीएम धामी किसी मुश्किल मोर्चे पर फिनिशर की भूमिका में हों। 2021 में भी जब पूरे प्रदेश में भाजपा की हालत पस्त थी। कार्यकर्ताओं का मनोबल लगभग जमींदोज हो चुका था। कांग्रेस आक्रामक अंदाज में सत्ता पर काबिज होने की ओर लगातार बढ़ रही थी और लगभग राज्य कर हर नौकरशाह और खबरनवीस ये मान चुका था कि बाजी भाजपा के हाथ से निकल चुकी है, तो उस मुश्किल वक्त में सीएम धामी ने ही इस मुश्किल चक्रव्यू को न सिर्फ भेदा, बल्कि कांग्रेस को तहस नहस कर दिया। भाजपा को प्रचंड बहुमत दिला कर सत्ता में बनाए रखा। ऐसा मुश्किल असंभव काम कर ही सीएम धामी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखों का तारा बने। पीएम मोदी ने भी अपने इस नायाब उभरते हुए हीरे को चुनाव हारने के बाद भी दोबारा सीएम की कमान सौंपने में जरा सी भी देरी नहीं की।
दूसरी बार सत्ता की कमान संभालने के बाद सीएम धामी ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। बागेश्वर उपचुनाव में भी सीएम धामी ने लगभग हार चुकी बाजी को अपने मैजिक से पलट कर रखते हुए भाजपा को जीत दिलाई। लोकसभा चुनाव में पांचों लोकसभा सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज कराई। वो भी भारी बहुमत से जीत दर्ज कराई। गढ़वाल, हरिद्वार, टिहरी, अल्मोड़ा सीट पर कांटे का मुकाबला होने के बावजूद सीएम धामी ने अपने कौशल से पीएम मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने को उत्तराखंड से पांच कमल सौंपे। गढ़वाल सीट पर गोदियाल मैजिक ने एकबार के लिए भाजपा की सांसे अटका दी थी। सोशल मीडिया से लेकर हर जगह गोदियाल की ही धूम मची हुई थी। ऐसे में तीरथ सिंह रावत की साढ़े तीन लाख वोट से जीती हुई ये सीट खतरे में नजर आ रही थी। इस मुश्किल वक्त में भी सीएम धामी ने आगे बढ़ कर इस चुनौती को स्वीकार किया। गढ़वाल सीट पर ताबड़तोड़ प्रचार कर गोदियाल मैजिक की हवा निकाली। भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी को डेढ़ लाख से अधिक वोट से चुनाव जितवाया।
अब वही स्थिति बदरीनाथ सीट पर आ गई है। कांग्रेस ने इस चुनाव को पूरी तरह भंडारी केंद्रित कर दिया है। न भाजपा की बात की जा रही है, न पीएम मोदी और न ही सीएम धामी। यहां वोटरों को यही याद दिलाया जा रहा है कि 2022 में भंडारी कांग्रेस के टिकट पर जीते और बीच राह में ही अपने वोटरों को वो छोड़ गए। इन मुश्किल हालात को पलटने का जिम्मा संभालते हुए सीएम धामी ने रविवार को बदरीनाथ सीट पर धुंआधार प्रचार कर भाजपा के पक्ष में माहौल मोड़ने को असरदार भूमिका निभाई है। युवाओं, महिलाओं में सीएम धामी को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिला। सीएम के रोड शो में उमड़ी भीड़ को देख भाजपा प्रत्याशी की सांस में कुछ सांस आई। बदरीनाथ उपचुनाव में भी सीएम धामी फिर बेहतरीन फिनिशर की भूमिका में हैं।