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कोरोना के डर से महज एक दिन का हो सकता है विधानसभा सत्र 

कोरोना के डर से महज एक दिन का हो सकता है विधानसभा सत्र

देहरादून।

कोरोना के गंभीर संकट के बीच सुरक्षित विधानसभा सत्र कराना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। ऐसे में एक विकल्प विधानसभा सत्र को सिर्फ एक दिन का भी करने का है। छह महीने की अविध में एकबार विधानसभा सत्र कराने के नियम के चलते सत्र कराना अनिवार्य है। तो दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले, कोरोना पॉजिटिव की बढ़ती मौत के आंकड़ों को लेकर भी सब परेशान हैं। ऐसे में मंत्री, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए विधानसभा सत्र कराने के सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इसी एक विकल्प के तहत गुरुवार को सत्र सचिवालय के विश्वकर्मा बिल्डिंग के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में कराने का भी विचार किया गया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी सभागार का निरीक्षण किया। मकसद सभी का यही है कि संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत सुरक्षित तरीके से सत्र का आयोजन हो। गुरुवार को संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने इशारा किया कि बहुत जरूरी होने पर सत्र को एक दिन का भी किया जा सकता है। इस दिशा में भी अध्ययन किया जा रहा है। विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्रों से ही वर्चुअल तरीके से सत्र में एनआईसी के जरिए जोड़ने पर भी विचार हो रहा है। खासतौर पर बुजुर्ग विधायकों को वर्चुअल तरीके से जोड़ने का विचार है। दूसरी ओर सचिवालय में विधानसभा सत्र के आयोजन का कांग्रेस ने विरोध भी शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश ने इसे एक गलत परंपरा करार दिया।

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