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कोटद्वार अस्पताल के नाम पर दिए गए 20 करोड़ में भी हो गया खेल, ब्रिज एंड रूफ ने लौटाए 18 करोड़, डीपीआर के नाम पर दबाए दो करोड़

कोटद्वार अस्पताल के नाम पर दिए गए 20 करोड़ में भी हो गया खेल, ब्रिज एंड रूफ ने लौटाए 18 करोड़, डीपीआर के नाम पर दबाए दो करोड़

देहरादून।

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के कोटद्वार अस्पताल निर्माण के नाम पर दिए गए 20 करोड़ के बजट में भी खेल हो गया है। कंपनी ब्रिज एंड रूफ ने बोर्ड को 20 करोड़ में से सिर्फ 18 करोड़ ही लौटाए हैं। शेष दो करोड़ रुपये अस्पताल की डीपीआर के नाम पर नहीं लौटाए हैं। अब बोर्ड के 20 करोड़ में से 18 करोड़ ही लौटाने और कोटद्वार अस्पताल की डीपीआर के नाम पर दो करोड़ अटकाने को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सवाल उठ रहा है कि आखिर किसके कहने पर कंपनी ने डीपीआर पर काम शुरू किया। जबकि सरकार ने गुरुवार को ही लिखित में साफ कर दिया कि अस्पताल निर्माण को कोई वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी गई। ऐसे में किस आधार पर डीपीआर पर दो करोड़ खर्च हुए। ये डीपीआर न तो ईएसआई के पास है और न ही कर्मकार बोर्ड के पास। डीपीआर से बोर्ड को कोई मतलब नहीं है। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर ये दो करोड़ की डीपीआर किसके कहने पर बनाई गई। यदि ये डीपीआर बनी है, तो वो किस एजेंसी के पास है। क्योंकि कर्मकार बोर्ड का डीपीआर से कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि उसकी भूमिका सिर्फ पैसा देने की थी। ईएसआई के पास भी डीपीआर नहीं है। उल्टा ईएसआई तो साफ कर चुकी है कि 20 करोड़ ब्रिज एंड रूफ के पास उसके जरिए नहीं पहुंचे। जबकि बोर्ड को पैसा लौटाना ईएसआई की जिम्मेदारी दी है। हालांकि बोर्ड सचिव दीप्ति सिंह ने साफ किया कि बोर्ड का एक भी पैसा डूबने नहीं दिया जाएगा। कंपनी को पूरा पैसा लौटाना होगा।

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