फिर मुख्य सचिव कार्यालय पहुंचा कर्मकार बोर्ड विवाद, सचिव पर कार्यों में दिलचस्पी न दिखाने का आरोप, बोर्ड अध्यक्ष ने मुख्य सचिव, श्रम सचिव को भेजा पत्र, भूमिका पर उठाए सवाल 

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फिर मुख्य सचिव कार्यालय पहुंचा कर्मकार बोर्ड विवाद, सचिव पर कार्यों में दिलचस्पी न दिखाने का आरोप, बोर्ड अध्यक्ष ने मुख्य सचिव, श्रम सचिव को भेजा पत्र, भूमिका पर उठाए सवाल

देहरादून।

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में विवाद थम नहीं रहे हैं। अध्यक्ष शमेशर सिंह सत्याल ने एकबार फिर मुख्य सचिव और श्रम सचिव को बोर्ड सचिव के खिलाफ पत्र लिखा है। पत्र में बोर्ड के कार्यों के प्रति उदासीन रवैया इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
अध्यक्ष की ओर से लिखे गए सख्त पत्र में सचिव पर लगातार लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। बोर्ड के कार्यों में अड़चन पैदा कर रही हैं। जनहित के कार्यों को प्रभावित कर रही हैं। कोविड महामारी में श्रमिकों को राशन किट और आयुष किट बांटी जानी है। बावजूद इसके सचिव स्तर से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। न ही बोर्ड के कार्यों की जानकारी है।
बोर्ड के संचालित खातों की जानकारी नहीं है। न ही अभी तक अपने प्रमाणित हस्ताक्षर बैंक को भिजवाए गए हैं। श्रमिकों के आवेदन लंबित पड़े हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यूएसनगर में धनराशि की कमी है, लेकिन इसकी भी जानकारी सचिव को नहीं है। सचिव स्वयं बोल रही हैं कि उन्हें 14 मई की बैठक का कार्यवृत नहीं दिया गया। जबिक वो स्वयं सचिव हैं। उन्होंने मेडिकल, समेत तमाम दूसरी छुट्टियों की अनुमति किसी से नहीं ली।
वो शासन को भेजने वाले हर पत्र में यहीं लिख रही हैं कि श्रम मंत्री का अनुमोदन लिया गया है। जबकि बोर्ड एक स्वायत्तशासी संस्था है। यहां के कार्यों के लिए उन्हें मंत्री का अनुमोदन लेने की जरूरत नहीं है। यहां उन्हें अध्यक्ष को रिपोर्ट करना है। वह बतौर उप श्रमायुक्त तो श्रम मंत्री का अनुमोदन ले सकती हैं, लेकिन बतौर बोर्ड सचिव नहीं। उन्होंने मुख्य सचिव से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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