Site icon GAIRSAIN TIMES

भाजपा, कांग्रेस के दो बड़े रावतों ने निकाली विरोधियों की हवा, दिया बड़ा संदेश, सीएम और पूर्व सीएम के विरोधियों को मिला बड़ा जवाब 

भाजपा, कांग्रेस के दो बड़े रावतों ने निकाली विरोधियों की हवा, दिया बड़ा संदेश, सीएम और पूर्व सीएम के विरोधियों को मिला बड़ा जवाब

देहरादून।

भाजपा, कांग्रेस के दो बड़े रावतों ने दो दिन के भीतर अपने विरोधियों की हवा निकाल दी है। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मंत्रिमंडल विस्तार पर तस्वीर साफ कर अस्थिरता फैलाने वालों को आईना दिखाया है। तो पूर्व सीएम हरीश रावत को कांग्रेस हाईकमान ने असम के बाद पंजाब जैसे बड़े और अहम राज्य का प्रभारी बना कर बड़ा संदेश दिया। जो विरोधी सोच रहे थे कि अब समय हरीश रावत के वानप्रस्थ का है, वे अब हाईकमान के इस फैसले से सकते में हैं। आलम ये है कि किसी को धरनें में भी एयरकंडीशन, कूलर की जरूरत महसूस होने लगी है, तो कोई कुछ बोलने की ही स्थिति में नहीं है।
भाजपा के भीतर लंबे समय से एक गैंग लगातार अस्थिरता का माहौल पैदा किए हुए है। हर तिमाही में सरकार बदलने और नये सीएम की घोषणाएं होती हैं। दिन निकाले जाते हैं। सोशल मीडिया पर कभी श्रीनगर तो कभी रामनगर से हुंकार भरी जाती है। कभी 26 जनवरी, तो कभी 15 अगस्त को ऐलान किया जाता है कि हमारा नेता आएगा, परेड ग्राउंड पर झंडा फहराएगा। 18 मार्च 2017 से कई 26 जनवरी और 15 अगस्त आए और चले गए। गुरुजी के कहने पर चेलों ने 18 मार्च 2017 से जो माहौल बनाना शुरू किया, वो आज तक बदस्तूर जारी है। बावजूद इसके त्रिवेंद्र इन तमाम अफवाहों की ओर ध्यान दिए बिना आगे बढ़े चले जा रहे हैं। अब नवरात्र में मंत्रिमंडल विस्तार का ऐलान कर, उन्होंने 26 जनवरी, 15 अगस्त का नारा देने वाले तमाम गैंग लीडर की हवा निकाल दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तमाम बार सीएम त्रिवेंद्र की पीठ थपथपा कर संदेश दे चुके हैं। पिछले दिनों ही शाह ने सीएम त्रिवेंद्र को फोन कर विरोधियों को साफ इशारा कर दिया था कि अफवाहें फैलाने से बचें। क्योंकि अब दिल्ली में 2007 से 2012 के दौर वाली बीजेपी नहीं है। जो हल्ला मचाया और बदल गई सरकार।
ठीक इसी तरह कांग्रेस में भी पूर्व सीएम हरीश रावत के वनवास की राह देखने वाले कांग्रेसियों के लिए शुक्रवार की रात, किसी कयामत की रात से कम नहीं गुजरी। दिनभर के धरना प्रदर्शनों, बैठकों के दौर के बाद रात को खाना खाने के बाद सुस्ता कर सभी घरों में बैठे ही थे कि नेशनल चैनल में तेजी से बदलती खबरों ने हरीश विरोधियों की नींद उड़ा दी। खबर दो थी। पहली हरीश रावत को असम के बाद पंजाब का प्रभारी बनाना और दूसरी उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह की जगह देवेंद्र यादव को उत्तराखंड प्रभारी की जिम्मेदारी देना। इन दोनों फैसलों से ही हरीश रावत को मजबूती मिली। पंजाब प्रभारी बन कर उन्होंने जहां दिल्ली में केंद्रीय आलाकमान में अपनी मजबूत पैठ कीज धमक दिखाई। तो उत्तराखंड में विरोधियों की गोदी में बैठे प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह की जगह अपनी पसंद के प्रभारी देवेंद्र यादव की उत्तराखंड में तैनाती करवा कर 2022 के लिए मजबूत फिल्डिंग सजाने की दिशा में मजबूत सियासी चाल चल दी। इन बदलाव से हरीश विरोधी अभी तक गश खाए हुए हैं।

Exit mobile version