Site icon GAIRSAIN TIMES

यूपीसीएल के बड़े अफसरों की भूमिका पर सीएम सख्त, नहीं बच पाएंगे असल दोषी 

यूपीसीएल के बड़े अफसरों की भूमिका पर सीएम सख्त, नहीं बच पाएंगे असल दोषी

देहरादून।

यूपीसीएल के बड़े अफसरों की भूमिका को लेकर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने सख्त रुख अपना लिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि अभी भी बकाया पूरा पैसा वापस न आया, तो अफसरों से वसूली होगी। कहा कि अफसरों की ओर से कंपनी से समय पर करोड़ों न वसूल कर कमीशनबाजी का खेल खेला जा रहा था। सीएम के इस ऐलान से उन अफसरों की नींद उड़ गई है, जो निचले स्तर पर अफसर, कर्मचारियों पर गाज गिरवा कर खुद को सुरक्षित समझ रहे थे।
यूपीसीएल को मित्तल क्रिएटिव कंपनी ने अभी भी 50 करोड़ लौटाने हैं। हालांकि कपंनी इसकी एवज में 50 करोड़ के पोस्ट डेटेड चैक दे चुकी है। जिनसे तय समय के भीतर भुगतान कराया जा रहा है। इस बकाया को लेकर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने यूपीसीएल के बड़े अफसरों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि करोड़ों का रुपये समय पर न आने के लिए बड़े अफसर जिम्मेदार हैं। कमीशनबाजी के लिए इन अफसरों ने यूपीसीएल को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
सीएम के सख्त रुख को लेकर यूपीसीएल में हड़कंप मचा हुआ है। खासतौर पर वे अफसर ज्यादा परेशान हैं, जिन्होंने इस डिफॉल्टर कंपनी के साथ दोबारा करार किया। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने भी प्रबंधन के इन अफसरों की भूमिका की जांच का जिम्मा एमडी यूपीसीएल नीरज खैरवार को दिया है। एमडी को व्यक्तिगत रूप से एक एक फाइल को स्वयं बारीकी से देखने के निर्देश दिए हैं।

शासन के सामने गलत तथ्य रख किया जा रहा गुमराह
इस पूरे मामले में प्रबंधन से जुड़े अफसर शासन को गुमराह करने में लगे हैं। तर्क दिया जा रहा है कि कमर्शियल विंग के इंजीनियरों ने टेंडर के दौरान कंपनी के कार्यों को बेहतर बताया। किसी भी तरह के डिफॉल्टर होने का जिक्र ही नहीं किया। ऐसे में ये अफसर अपनी भूमिका को पूरी तरह पाक साफ बता रहे हैं। जबकि इन्हीं अफसरों पर निगम के आय व्यय का पूरा हिसाब किताब रखने से लेकर बैलेंश शीट बनाने का जिम्मा है। नियमित रूप से वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने का जिम्मा है। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे इन प्रबंधन के इन अफसरों की नजर से 56 करोड़ का बकाया और 16 करोड़ का लेट पैमेंट सरचार्ज छूटा। इन अफसरों की भूमिका को लेकर भी जांच कमेटी ने हल्का इशारा भी किया है।

Exit mobile version