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सवालों के घेरे में राज्य सहकारी बैंक की फिजूलखर्ची, 25-25 लाख की दो दो इनोवा, 50 लाख की विदेश यात्राएं, हर महीने के अध्यक्ष के डीए, बैंक के ऑफिस की सजावट पर खर्च हुए करोड़ों, पीएमओ, सीएम, राज्यपाल तक पहुंची शिकायत, रजिस्ट्रार ने बैठाई जांच 

सवालों के घेरे में राज्य सहकारी बैंक की फिजूलखर्ची, 25-25 लाख की दो दो इनोवा, 50 लाख की विदेश यात्राएं, हर महीने के अध्यक्ष के डीए, बैंक के ऑफिस की सजावट पर खर्च हुए करोड़ों, पीएमओ, सीएम, राज्यपाल तक पहुंची शिकायत, रजिस्ट्रार ने बैठाई जांच

देहरादून।

राज्य सहकारी बैंक की फिजूलखर्ची सवालों के घेरे में है। बैंक ने अपने दो वाहन होने के बावजूद 25-25 लाख की दो दो और इनोवा खरीदी। 50 लाख की विदेश यात्राओं पर खर्च किए। हर महीने अध्यक्ष के डीए के नाम पर 40 से 50 हजार रुपये खर्च किए। बैंक के ऑफिस की सजावट पर भी करोड़ों खर्च किए। इन फिजूलखर्ची की शिकायत पीएमओ, सीएम, राज्यपाल कार्यालय तक पहुंची, तो रजिस्ट्रार ने जांच बैठा दी है। अब राज्य सहकारी बैंक के तीन साल के कामकाज और गड़बड़ियों को लेकर की गई शिकायतों की जांच होगी। रजिस्ट्रार ने अपर निबंधक ईरा उप्रेती की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की।
ये जांच प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, राज्यपाल कार्यालय को की गई शिकायतों के आधार पर शुरू की गई है। शिकायत के कुल 13 बिंदुओं पर जांच होगी। आरोप लगाया गया है कि बैंक ने दो इनोवा गाड़ी खरीदी। प्रति गाड़ी कीमत 25 लाख रही। जबकि बैंक के पास पहले से ही अध्यक्ष के लिए वाहन उपलब्ध था। विदेश यात्राओं पर बैंक का 50 लाख खर्च किया गया। अध्यक्ष को हर महीने 40 से 50 हजार रुपये महीना डीए दिया जा रहा है। जबकि वे 20 से 25 दिन देहरादून ही रहते हैं।
बैंक ने 29 कर्मचारियों को दो करोड़ का एरियर भुगतान कर नुकसान पहुंचाया। बैंक का 15 और 21 करोड़ गलत शेयर में निवेश कर डुबोया गया। बैंक के अधिकतर बड़े ऋणों में से 90 प्रतिशत एनपीए हो चुके हैं। एजीएम में गिफ्ट के नाम पर लाखों रुपये बर्बाद हो रहे हैं। बैंक कार्यालय की सजावट के नाम पर करोड़ों का बजट खर्च किया गया। ऑडिट में आई गड़बड़ियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। अफसरों की संपत्ति की भी जांच की मांग की गई है। जांच समिति में अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ला, मंगला प्रसाद त्रिपाठी को शामिल किया गया है। ईरा उप्रेती, अध्यक्ष जांच समिति के अनुसार जांच शुरू कर दी गई है। राज्य सहकारी बैंक से कुछ दस्तावेज मिले हैं। सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने को कह दिया गया है। पूरा प्रयास होगा कि शिकायत में लगाए गए आरोपों की समय पर जांच पूरी कर ली जाए।

बैंक अध्यक्ष का सवाल, शपथ पत्र पर क्यों नहीं ली शिकायत
दान सिंह रावत, अध्यक्ष राज्य सहकारी बैंक के अनुसार जांच से कोई आपत्ति नहीं है। गाड़ी घर के लिए नहीं बल्कि बैंक के लिए बोर्ड के साथ स्वयं रजिस्ट्रार की मंजूरी से खरीदी गई है। विदेश यात्राओं की मंजूरी भी रजिस्ट्रार ने दी है। वे स्वयं इन यात्राओं में शामिल रहे। शैक्षणिक भ्रमण के नाम पर पहले भी यात्राएं हुई हैं। आज तक देहरादून में रहने के बावजूद कभी बैंक से एक दिन का भी होटल में ठहरने का बिल नहीं लिया। तय अधिकारों से बाहर कभी कुछ नहीं किया। सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास है। विभागीय अफसरों की लड़ाई में निशाना बनाया जा रहा है। जांच से पहले सरकार के नियमानुसार शपथ पत्र तक नहीं लिया गया।

शिकायत उच्च स्तर पर की गई है। वहीं से रजिस्ट्रार कार्यालय को जांच के निर्देश प्राप्त हुए। शिकायतकर्ताओं से भी साक्ष्य मांगे जाएंगे। विभागीय अफसर भी पड़ताल करेंगे। जांच में जो भी सामने आएगा, उसी अनुरूप आगे बढ़ा जाएगा।
बीएम मिश्र, रजिस्ट्रार सहकारिता

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