प्रमोशन में देरी पर कर्मचारी नाराज, जताया विरोध, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आयुक्त ग्राम्य विकास कार्यालय पर जताया विरोध, 35 साल की नौकरी के बाद भी कर्मचारियों को एक भी प्रमोशन न मिलने पर जताई नाराजगी
देहरादून।
विभागों में प्रमोशन में हो रही देरी के खिलाफ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। तय आंदोलन के तहत मंगलवार को ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय में धरना देकर विरोध जताया गया। प्रशासन पर कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ न देने का आरोप लगाया गया।
आयुक्त कार्यालय में उपायुक्त एके राजपूत से वार्ता में कर्मचारी नेताओं ने विभाग में प्रमोशन की स्थिति से अवगत कराया। बताया कि कर्मचारियों को 30 से 35 साल की नौकरी के बाद भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाया है। इससे कर्मचारियों में हीन भावना पैदा हो रही है। जबकि कर्मचारी पहले से ही एसीपी के तहत पदोन्नत वेतनमान का लाभ ले रहे हैं। लेकिन उन्हें पदनाम का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कर्मचारियों की पदोन्नति से सरकार के ऊपर किसी भी तरह का कोई वित्तीय भार भी नहीं पड़ने वाला है। सिर्फ कर्मचारी को सम्मान प्राप्त होगा।
परिषद पदाधिकारियों को बताया गया कि आयुक्त कार्यालय से फाइल शासन को भेजी गई। इसमें नियमानुसार कार्रवाई को कहा गया है। वर्तमान में कोई नियम ही नहीं है। परिषद ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी विभाग में कुल 210 कर्मचारी कार्यरत हैं। इसमें से अधिकांश 2025 में रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में उच्च पदों पर पदोन्नति कर सीधी भर्ती के पदों को मृत करना होगा। इससे कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ भी मिल जाएगा। विरोध जताने वालों में ठाकुर प्रहलाद सिंह, नंदकिशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, चौधरी ओमवीर सिंह, राजेंद्र सिंह बिष्ट, अनिल बांगा, रणजीत सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।
कर्मचारियों को किया जाए नियमित
पदाधिकारियों ने कहा कि जो कर्मचारी पिछले 25 से 30 वर्षों से संविदा, दैनिक वेतन पर काम कर रहे हैं। उन्हें भी नियमित किया जाए। ये प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन भी है। उपायुक्त एके राजपूत के साथ वार्ता में साफ किया गया कि इस मसले को लेकर लगातार आंदोलन जारी रखा जाएगा।