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देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड नामांकित सदस्यों के मानक तय, राजनीति में भाग लेने वालों को नहीं मिलेगी देवस्थानम बोर्ड में जगह, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों वालों से भी बनाई जाएगी दूरी 

देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड नामांकित सदस्यों के मानक तय, राजनीति में भाग लेने वालों को नहीं मिलेगी देवस्थानम बोर्ड में जगह, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों वालों से भी बनाई जाएगी दूरी

गैरसैंण।

उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नामांकित सदस्यों की अर्हता नियमावली, 2021 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ये नियमावली देवस्थानम एक्ट में तय मंदिरों और अन्य देवस्थानम मंदिरों पर लागू होगी। इसके अनुसार हिन्दू धर्म से हिन्दुओं का ऐसा सम्प्रदाय, जो सनातन धर्म को मानतें हैं, उसमें विश्वास रखते हैं, शामिल हैं। नामांकित सदस्यों में किसी राजनीतिक दल या किसी ऐसे संगठन का सदस्य नहीं होना चाहिए, जो राजनीति में भाग लेता हो।
जो भी सदस्य बनाए जाएंगे, उन्हें लेकर ये देखा जाएगा कि उन्होंने किसी ऐसे प्रदर्शन में भाग न लिया हो, जो भारत की प्रभुत्ता, अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपुण सम्बन्ध, लोक व्यवस्था, शिष्टाचार, नैतिकिता के हित के प्रतिकूल हो। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राज्य के लिए विध्वंसक न हो। मंदिरों के हितों के विरुद्ध हो या न्यायालय की अवमानना, मानहानि या किसी अपराध के लिए प्रेरित न किया हो। पुजारियों या वंशानुगत पुजारियों का प्रतिनिधित्व करने को बद्री, केदार, यमुनोत्री, गंगोत्री और अनुसूची में तय धार्मिक देवस्थानमों में किसी अधिकार को धारण करने वाले पांच ख्याति प्राप्त व्यक्तियों को राज्य सरकार नामित करेगी।
पुजारी से मंदिर में पूजा सम्पादित कराने वाला या रीतियों या परम्पराओं के अनुसार किसी देवता की पूजा सम्पादित करने वाला पुजारी तय है। इसमें पण्डा, पुरोहित या अन्य कोई व्यक्ति जो देवस्थानम या किसी धार्मिक संस्था में आचार्य के रूप में पूजा अर्चना या अन्य अनुष्ठान संपादित करत है, शामिल किया गया है। वंशानुगत पुजारी का अर्थ, चार धाम देवस्थानम, किसी धार्मिक संस्था का न्यासी या पुजारी जिसका उत्तराधिकारी किसी रूढ़ि द्वारा विनियमित होता है। या वंशानुगत उत्तराधिकार द्वारा न्यायगत होता है।

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