देहरादून।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड पुलिस के 5390 दिन पहले खो चुके इकबाल, गिर चुके मनोबल को वापस लौटा दिया है। यूपी, पंजाब, हरियाणा के जिन बदमाशों के लिए देवभूमि उत्तराखंड पिछले कुछ सालों में ऐशगाह बन चुकी थी, उन बदमाशों के लिए सीएम धामी ने नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है। बाबा तरसेम सिंह के हत्यारों के खिलाफ उठाए गए बेहद सख्त कदम से बदमाश सहम गए हैं। सीएम धामी पहले ही साफ कर चुके हैं कि देवभूमि उत्तराखंड के शांत माहौल को बिगाड़ने की रत्ती भर इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।
तीन जुलाई 2009 को देहरादून पुलिस ने रणवीर एनकाउंटर किया था। इस एनकाउंटर पर तमाम सवाल उठे थे, कई पुलिस वालों को सजा तक हुई। कई अन्य निचले और आला पुलिस अधिकारियों तक की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई थी। ये एक ऐसी घटना थी कि जिसके बाद बदमाशों के खिलाफ फिर कभी पुलिस ने सख्त रुख नहीं अपनाया। एनकाउंटर तो दूर की बात किसी बदमाश पर तबीयत से लाठी भी नहीं फटकारी गई। उधर पड़ोसी राज्य यूपी में एक के बाद एक बदमाशों को ठिकाने लगाने का अभियान शुरू हुआ। इस वजह से यूपी समेत आस पास के अन्य क्षेत्रों के बदमाशों का मूवमेंट उत्तराखंड की ओर बढ़ गया। इससे उत्तराखंड में भी अपराध की घटनाएं बढ़ी।
ऐसे ही एक घटनाक्रम में नानकमत्ता में बाबा तरसेम सिंह तक की हत्या कर दी गई। इस हत्या से पूरे उत्तराखंड समेत सटे हुए यूपी के इलाके तक दहल उठे। इस हत्याकांड को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बेहद गंभीरता से लिया। पुलिस अफसरों को दो टूक निर्देश दिए कि अपराधी बचने नहीं चाहिए। सोमवार देर रात पुलिस मुठभेड़ में एक हत्यारा मारा गया। 2009 के बाद जाकर हुए पहले इस एनकाउंटर ने पुलिस के मनोबल को लौटाने का काम किया है। सीएम धामी सरकार के राज में बदमाशों के खिलाफ हुई इस सख्त कार्रवाई ने सीएम धामी का कद ऊंचा कर दिया है।
सीएम धामी पहले ही कॉमन सिविल कोड, सख्त नकल विरोधी कानून, जबरन धर्मांरण विरोधी कानून, सरकारी जमीनों पर अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर अपना सियासी कद बेहद ऊंचा कर चुके हैं। आज उनकी गिनती भाजपा की अगली पांत के नेताओं में सबसे ऊपर होने लगी है। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व भी सीएम धामी को भविष्य के युवा नेतृत्व के रूप में लेकर चल रहा है। बदमाशों के खिलाफ हुई इस सख्त पुलिस कार्रवाई से सीएम धामी ने धाकड़ धामी स्लोगन को और मजबूती दे दी है।