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आपके बिजली के मीटर से जलने वाली लाइट का खर्च भी आपके खाते में, ये खर्च कितना है और कितना पड़ता है लोड, यूपीसीएल को नहीं जानकारी, सूचना का अधिकार में यूपीसीएल ने कबूली अपनी कमी, नहीं है ब्यौरा

आपके बिजली के मीटर से जलने वाली लाइट का खर्च भी आपके खाते में, ये खर्च कितना है और कितना पड़ता है लोड, यूपीसीएल को नहीं जानकारी, सूचना का अधिकार में यूपीसीएल ने कबूली अपनी कमी, नहीं है ब्यौरा

देहरादून।

आपके घर पर लगे बिजली मीटर की डिस्प्ले लाइट का खर्चा भी आपके खाते से ही वसूला जाता है। डिस्प्ले लाइट पर कुल कितना खर्च, कितना लोड पड़ता है। इसकी यूपीसीएल को कोई जानकारी नहीं है। सूचना का अधिकार में यूपीसीएल ने अपनी इस कमी को कबूला भी है।
राज्य में बिजली का मीटर पिछले लंबे समय से घरों के भीतर की बजाय खंबे पर मीटर लटकाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के साथ जो मीटर लगाए जा रहे हैं, उसमें हर समय डिस्प्ले लाइट भी जलती रहती है। इस लाइट के कारण होने वाले बिजली खर्च का भार यूपीसीएल खुद नहीं उठाता। बल्कि इसे आम जनता से ही वसूलता है।
इस खर्च को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता वीरु बिष्ट ने सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी, तो उन्हें पहले तो कोई जानकारी ही नहीं दी गई। उसके बाद मामला जब अपील में गया, तो यूपीसीएल के अफसरों ने जवाब देने से हाथ खड़ा कर दिया। बताया कि उनके पास इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। न ही वे ऐसी कोई जानकारी देने की स्थिति में हैं। क्योंकि इस तरह का बिजली खर्च मापने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। वीरु बिष्ट ने बताया कि ये सीधे तौर पर उपभोक्ताओं के साथ धोखा है। क्योंकि डिस्प्ले मीटर पर खर्च होने वाली बिजली का भार यूपसीएल को खुद उठाना चाहिए। भले ही खर्च कितना ही कम या ज्यादा आ रहा हो, इसे उपभोक्ताओं से नहीं वसूलना चाहिए।

25 लाख हैं उपभोक्ता मीटर
राज्य में 25 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। घरेलू, औद्योगिक, व्यवसायिक समेत सभी तरह के बिजली उपभोक्ता हैं। इन 25 लाख बिजली के मीटर के डिस्प्ले पर खर्च होने वाली बिजली खर्च का भार आम जनता पर ही पड़ रहा है।

बिजली मीटर के डिस्प्ले पर बेहद कम बिजली खर्च होती है। ये एलईडी लाइट होती है। ये बिजली मीटर के भीतर का ही पार्ट है। मीटर की एक्यूरेसी भी इसी डिस्प्ले से जांची जाती है।
जेएमएस रौथाण, निदेशक प्रोजेक्ट यूपीसीएल

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