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चोपता वैली में तैयार होगा इको टूरिज्म जोन |

, रुद्रप्रयाग /देहरादून

500 हैक्टेयर में तैयार होगा जोन

चोपता इको-टूरिज्म जोन कुल 500.00 है0 क्षेत्रफल में तैयार होगा। जिसमें एनएच-107ए के आस-पास के रागसी, मक्कू और उषाडा आरक्षित वन के क्षेत्र को सम्मलित किया जाएगा। इसका मुख्य आकर्षण इको पार्क, ट्री हाउस, बर्ड-इण्टरप्रेटेशन सेंटर और कल्चरल व हेरिटेज सेंटर होंगे। इको-टूरिज्म विकास के समस्त कार्यों को इको-फ्रेंडली तरीके से प्रकृति को अनावश्यक छेड़छाड किए बिना तैयार किया जाएगा। एनएच-107ए के आस-पास फोटो प्वाइंट, साइनेज एवं एन्टेंªस प्लाजा और जानवरों के थ्री डी माॅडल भी स्थापित किए जाएंगे। उषाडा वन पंचायत के आरक्षित वन क्षेत्र में इको-पार्क विकसित किया जाएगा। इसमें इको-टेल, ट्री हाउस, एडवेंचर गतिविधियाँ व कैनोपी ब्रिज, फोटो प्वाइंट, साइनेजेज आदि विकसित किए जाएंगे जिससे पर्यटकों को प्रकृति के बीच सुखद समय व्यतीत करने का मौका मिले। बर्ड-इंटरप्रेटेशन सेंटर में क्षेत्र के स्थानीय पक्षियों के माॅडल व उनके संबंध में जानकारी तथा साथ ही दुर्लभ वन्यजीव व पक्षियों का विवरण व रोचक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। यहाँ बर्ड वाचिंग हेतु आये सैलानियों को बर्ड गाइड, दूरबीन, बर्ड बुक व पक्षियों से संबंधित सोवेनियर/मरकेन्डाइज की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

स्थानीय लोग करेंगे संचालन

जिले में तैयार होने जा रहे इको-टूरिज्म जोन का संचालन के संचालन में स्थानीय लोगों एवं वन पंचायत की अहम भूमिका होगी। इनकी मदद से ही कैम्पिंग साइट का संचालन, पार्किंग, एडवेंचर स्पोर्ट का संचालन, ट्रेकिंग, बर्ड वाचिंग गाइड, अपशिष्ट कूडा प्रबंधन आदि कार्य वन विभाग की देखरेख में किए जाएंगे। इको-टूरिज्म जोन में पर्यावरण संरक्षण एवं सुधार कार्य हेतु बुग्यालों को जियो जूट विधि से उपचार, जल एवं मृदा संरक्षण कार्य एवं सुरक्षा व संचालन हेतु इन्टेंन्स प्लाजा, चेकपोस्ट का निर्माण व अपशिष्ट प्रबंधन हेतु उचित व्यवस्था की जाएगी। स्थानीय लोगों व पर्यटकों की सुविधा के लिए बायो-टाॅयलेट, फूड कैफे, टूरिस्ट इन्फाॅरमेशन बूथ, सोवेनियर शाॅप भी विकसित किए जाएंगे। वहीं औषधीय एवं सगंध पादपों के संरक्षण हेतु हर्बल गार्डन की भी स्थापना की जाएगी। कल्चर एंड हेरिटेज सेंटर में पारंपरिक वेशभूषा, पुरातन औजार, क्षेत्र के हस्तकृति की झलक के साथ-साथ स्थानीय लोक कथा, धार्मिंक आस्था व आध्यात्मिक महत्व की जानकारी मिलेगी। कैम्प साइट हेतु चयनित क्षेत्र में ही परमिट के आधार पर स्थानीय ग्रामीणों को सर्शत अनुमति दी जाएगी।

चिरबटिया एवं कार्तिक स्वामी सर्किल भी होगा तैयार
डीफओ अभिमन्यु ने बताया कि जिले में टूरिज्म जोन की तर्ज पर चोपता घाटी के साथ ही चिरबटिया एवं कार्तिक स्वामी घिमतोली सर्किट को भी विकसित किया जाएगा। तीनों ही स्थान पर्यटन के लिहाज से बेहद क्षमता रखते हैं।

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