आंदोलन पर कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश से कर्मचारी संगठन खफा, बोले कर्मचारी नहीं अफसरों को करें बर्खास्त, सरकार के खिलाफ गुस्सा
देहरादून
प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए निर्देश दिए गए कि जो कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे उनको बर्खास्त किया जाएगा। इस संबंध में उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड द्वारा घोर विरोध किया गया संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह पवार प्रदेश महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट ने एक प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया कि बर्खास्त उन अधिकारियों को किया जाना चाहिए जिनके साथ प्रदेश के कर्मचारी शिक्षकों की कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है और जिन मुद्दों पर सहमति भी बनी है उनका शासनादेश जारी होने पर 1 वर्ष का समय लगा दिया गया है प्रदेश के आला अधिकारियों को प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को माननीय उच्च न्यायालय के उन आदेशों का भी संज्ञान लेना चाहिए जिसमें स्पष्ट किया गया था कि प्रदेश में कार्यरत कर्मचारी शिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रदेश के कई कर्मचारी संगठनों की शासन स्तर पर केवल खानापूर्ति के लिए वार्ता हुई और उनका आज तक कोई नतीजा नहीं हुआ अगर यही हाल रहा तो प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठन एक साथ होकर के अपनी लड़ाइयां को मुकाम पर पहुंचाएंगे सरकार कितने लोगों को बर्खास्त करती है यह भविष्य की गर्त में होगा जहां तक उत्तराखंड के कर्मचारी शिक्षकों का योगदान है उन्होंने विगत वर्ष भी कोविड-19 में बहुत बढ़-चढ़कर के भागीदारी करी अपनी 1 दिन का वेतन भी राहत कोष में दिया लेकिन उसके बावजूद भी आज तक कर्मचारी अपनी मांगों के लिए लड़ रहा है प्रदेश अध्यक्ष श्री पवार एवं श्री बिष्ट ने स्पष्ट किया कि माननीय मुख्यमंत्री जी को सभी संवर्ग के कर्मचारी शिक्षकों की लंबित समस्याओं के निदान के लिए तत्पर कार्यवाही किया जाना चाहिए प्रदेश के कर्मचारी शिक्षक इसको भी डीजेसी महामारी में प्रदेश सरकार के साथ खड़ा है लेकिन प्रदेश सरकार को भी कर्मचारी शिक्षकों की ज्वलंत समस्याओं के निदान के लिए शासन में बैठे ब्यूरोक्रेट के लिए निर्देशित करना चाहिए वर्तमान में मिनिस्टर कर्मचारियों के आंदोलन को उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ संपूर्ण समर्थन देता है यदि किसी भी कर्मचारी का उत्पीड़न किया गया तो उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ उत्तराखंड को सीधी कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी प्रदेश महामंत्री श्री पंचम सिंह बिष्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार द्वारा गोल्डन कार्ड में आई खामियों को तत्काल दूर किया जाना चाहिए यदि गोल्डन कार्ड इस महामारी में कर्मचारी शिक्षक के काम नहीं आया तो वह सब बेकार है सरकार तत्काल गोल्डन कार्ड में आई खामियों को दूर करें और तब तक किसी भी कर्मचारी की वेतन से कटौती न की जाए जब तक संगठनों द्वारा दिए गए सुझाव पर अमल नहीं किया जाता है।