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कॉपरेटिव बैंकों में नये सॉफ्टवेयर सिस्टम का विरोध, जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारी कर रहे हैं विरोध, नये सिस्टम को कठिन और दिक्कत भरा मान रहे कर्मचारी 

कॉपरेटिव बैंकों में नये सॉफ्टवेयर सिस्टम का विरोध, जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारी कर रहे हैं विरोध, नये सिस्टम को कठिन और दिक्कत भरा मान रहे कर्मचारी

देहरादून।

कॉपरेटिव बैंकों में नये सॉफ्टवेयर सिस्टम का कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। चमोली, उत्तरकाशी, यूएसनगर में को ऑपरेटिव बैंक इम्प्लाईज यूनियन से जुड़े कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। वे नये सिस्टम को कठिन और दिक्कत भरा बता रहे हैं। कर्मचारी एसोसिएशनों ने जिलों में अध्यक्ष और सचिव, महाप्रबंधकों को ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया है।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अभी तक विप्रो कंपनी के कोर बैकिंग सॉल्यूशन से काम चलाया जा रहा है। कर्मचारियों को इसमें कोई दिक्कत नहीं रही। अब इसके स्थान पर टीसीआईएल कंपनी के सॉफ्टवेयर पर काम करने की तैयारी है। इसमें कर्मचारियों को दिक्कत आना तय है। जबकि विप्रो कंपनी के सिस्टम से देश का 90 प्रतिशत बैकिंग सिस्टम संचालित हो रहा है। इसके बाद भी नई कंपनी को काम देना समझ से परे है। जिस कंपनी को काम दिया जा रहा है, उसे बैकिंग क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं है। इसके विरोध में कर्मचारी संगठन कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि कोविड 19 को देखते हुए खर्चे कम करने की बात की जा रही है। यहां नई कंपनी को काम देकर खर्चा बढ़ाया जा रहा है। साथ ही बैंक कर्मचारियों को पैदा होने वाली असुविधा के कारण बैंकों के कामकाज पर अलग असर पड़ेगा। कहा कि प्रबंध समिति ने कर्मचारियों के विरोध को दर किनार करते हुए समझौता किया है। इसका असर बैंकों पर पड़ेगा। कहा कि यदि टीसीआईएल कंपनी के साथ समझौता निरस्त न हुआ, तो कर्मचारी आंदोलन को विवश होंगे। सहकारिता में सभी सहकारी समितियों को भी कम्प्यूटराइज्ड किया जा रहा है। इसके लिए नाबार्ड और जिला सहकारी बैंकों से पैसा लिया जा रहा है। इससे समितियों के सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है।

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