गोल्डन कार्ड 19 मई से वापस लौटाएंगे कर्मचारी, सचिवालय संघ ने गोल्डन कार्ड की उपयोगिता पर उठाए सवाल, खामियां दूर होने तक कर्मचारियों के वेतन से अंशदान न काटने की मांग
देहरादून।
सचिवालय संघ ने गोल्डन कार्ड की उपयोगिता पर सवाल उठाए। साफ किया कि आयुष्मान योजना के तहत बने कर्मचारियों और पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड का कहीं कोई लाभ नहीं मिल रहा है। न ही कहीं कोई सुनवाई हो रही है। इसके विरोध में 19 मई से कर्मचारी सचिवालय में गोल्डन कार्ड जमा करने से शुरू कर देंगे। जो 24 मई तक जमा कर प्राधिकरण को लौटा दिए जाएंगे।
सचिवालय संघ अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि सचिवालय तथा प्रदेश कार्मिकों, पेन्शनर्स व उनके आश्रितों के लिए गोल्डन कार्ड सफेद हाथी साबित हो रहा है। गोल्डन कार्ड की खामियां अभी तक दुरूस्त न होने के कारण कोरोना काल में भी कार्मिकों, पेन्शनर्स व उनके परिवार के आश्रितो को किसी प्रकार की कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही है। इसी के विरोध में गोल्डन कार्ड राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को लौटाए जाएंगे।
कहा कि स्वास्थ्य विभाग और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरूस्त करने हेतु पर्याप्त समय और अनुरोध करने के उपरांत भी इसे कार्मिक वर्ग की अपेक्षाओ के अनुरूप ठीक नहीं किया गया है। न ही कोई सक्षम अधिकारी इसमें कोई विशेष दिलचस्पी ही ले रहा है। सचिवालय तथा प्रदेश के कार्मिकों, पेन्शनर्स का प्रतिमाह अंशदान काटे जाने के बाद भी कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। इसे स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सिर्फ अपनी आय का स्रोत बनाया है। इसे अब किसी भी रूप मे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
सचिवालय संघ ने सचिवालय सेवा संवर्ग के सभी सदस्यगणों को परिवार सहित अपने-अपने गोल्डन कार्ड को 19 मई से 24 मई तक सचिवालय संघ के कार्यालय मे अनिवार्य रूप से जमा कराए जाने का अनुरोध किया गया है। इसके बाद इन सभी बेकार गोल्डन कार्ड को सामुहिक रूप से मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्वास्थ्य प्राधिकरण को लिखित रूप मे जमा कर दिया जाएगा।
मासिक अंशदान की कटौती हो बंद
अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि ये भी तय हुआ है कि गोल्डन कार्ड के एवज में की जा रही मासिक अंशदान की कटौती को अब, तब तक स्वीकार नहीं किया जाएगा, जब तक गोल्डन कार्ड की खामियां धरातल पर दुरूस्त न हो जाए। इस कड़ी में इस माह होने वाली अंशदान कटौती को संघ के स्तर पर तत्काल रोका जाएगा। गोल्डन कार्ड की खामियां दूर होने तक चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था, जो स्वत ही तब तक लागू रहनी चाहिए थी जब तक नई व्यवस्था कारगर न हो जाए, को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप मे अमल मे लाए जाने की मंजूर कराया जाएगा। इसके उपरांत भी इस माह दोबारा अंशदान की कटौती जबरन किए जाने पर सचिवालय संघ विरोध करेगा।