जौलीग्रान्ट व पंतनगर एयरपोर्ट का अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया जायेगा विस्तार, जौलीग्रान्ट में हवाई जहाजों की नाइट पार्किंग की तलाशी जायेगी संभावना, सीएम त्रिवेंद्र की केन्द्रीय नागरिक उड्डयन सचिव से वार्ता
देहरादून।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार एवं जोलीग्रान्ट एवं पंतनगर एयरपोर्ट का अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विस्तार किये जाने के साथ ही प्रदेश में हेली पोर्ट के निर्माण आदि से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। उन्होंने जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों की नाइट पार्किंग की व्यवस्था से सम्बन्धित संभावनाओं पर भी विचार विमर्श किया। इस अवसर पर सचिव नागरिक उड्डयन श्री दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जोलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तार हेतु आवश्यक भूमि की उपलब्धता के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सैद्धान्तिक निर्णय ले लिया गया है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थायें की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तार एवं इसे अन्तराष्ट्रीय मानको के अनुरूप तैयार किये जाने बाद वहां पर हवाई जहाजों की नाइट पार्किंग की भी व्यवस्था हो सकती है। उन्होंने कहा कि जौलीग्रान्ट हवाई के विस्तार से राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सीमान्त क्षेत्र होने के नाते सामरिक दृष्टि से भी इस हवाई अड्डे को अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंतनगर हवाई अड्डे को भी ग्रीन फील्ड एयर पोर्ट बनाये जाने की दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है, इसके लिए आवश्यक भूमि की भी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। यहां से भी अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हवाई सेवा के संचालन में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की भौगोलिक पारिस्थिति के दृष्टिगत राज्य में हवाई सेवाओं की नितान्त आवश्यकता बनी रहती है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कार्ययोजना भी तैयार की गई है।
श्री खरोला ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार में आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे का विस्तारीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रथम चरण में लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है।