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पूर्व सीएम हरीश रावत ने कोविड की रोकथाम को दो दिन के कर्फ्यू पर किया सरकार का समर्थन, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, आईसीयू, रेमडेसीवर की कमी पर सरकार को घेरा भी 

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कोविड की रोकथाम को दो दिन के कर्फ्यू पर किया सरकार का समर्थन, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, आईसीयू, रेमडेसीवर की कमी पर सरकार को घेरा भी

देहरादून।

कोरोना के बढ़ते असर को देखते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने दो दिन के कर्फ्यू के सरकार के कदम का समर्थन किया। कहा कि इससे कोरोना की चैन को तोड़ने में सहायता मिलेगी।
पूर्व सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वर्तमान लहर बहुत चिंताजनक और पहले से बहुत घातक है। पूरे देश के अंदर चिंताजनक हालात हैं। दूसरी तरफ तैयारियां दिखाई नहीं दे रही हैं। टीके का प्रचार है, मगर टीका नहीं है। ऑक्सीजन की कमी की शिकायतें भी जगह-जगह से आ रही हैं। बेड नहीं हैं और जहां डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाए गए, वो बंद हो चुके हैं। इस समय कोरोना से मरने वालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। जो बहुत चिंताजनक है। यह कोरोना केवल वृद्धों को नहीं, बल्कि बच्चों से लेकर के नौजवानों पर ज्यादा घातक प्रहार कर रहा है। व्यक्ति को इलाज का भी पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहा है।
एक तरफ संसाधन की कमी और दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण का स्वरूप चिंताजनक है, ऐसे हालात में सरकारों को अपनी स्थानीय रणनीति को बहुत व्यापक और पुख्ता बनाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड के अंदर हरिद्वार और देहरादून में कोरोना संक्रमण की स्थिति चिंताजनक बन गई है। यहां पर आईसीयू बेड बहुत कम हैं। इससे लोग बहुत चिंतित हैं। ऐसे मैं समझता हूं सरकार ने एक ठीक कदम उठाया है। एक लिमिटेड पीरियड के लिए दो दिन का जो स्थानीय कर्फ्यू जिस तरह रखा है, वो ठीक कदम है। आवश्यकतानुसार हमको इसकी चैन नहीं बनी देनी चाहिए। ताकि संक्रमण को स्थानीय स्तर पर कंटेट किया जा सके और उसके लिए मैं समझता हूं कि कंटेनमेंट जोन, सब जोन बना करके इसको कंटेंट किया जाए।
सरकार को टीकाकरण के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिये। इसके लिए जो आवश्यक दवाइयां हैं, जिनका अभाव सामने आ रहा है। उस अभाव को दूर करने के लिए भी उच्च स्तर पर प्रयास किये जाने चाहिए। मुख्यमंत्री को स्वयं प्रधानमंत्री से बातचीत करके टीके भी उपलब्ध करवाने चाहिए। ताकि रेमडेसीवर जैसी दवाइयों की व्यवस्था हो सके। उस पर भी बातचीत करनी चाहिए।

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