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गैरसैंण के विकास को 25 हजार करोड़ की घोषणा कर विकास की एक लंबी लकीर खींच गए सीएम त्रिवेंद्र रावत, 20 साल में गैरसैंण का सम्मान कर पूरे राज्य को कराया शहीदों के सपनों के उत्तराखंड का अहसास 

गैरसैंण के विकास को 25 हजार करोड़ की घोषणा कर विकास की एक लंबी लकीर खींच गए सीएम त्रिवेंद्र रावत, 20 साल में गैरसैंण का सम्मान कर पूरे राज्य को कराया शहीदों के सपनों के उत्तराखंड का अहसास

देहरादून।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि गैरसैण परिक्षेत्र का ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप  विकास के लिए अगले दस वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किये जाएंगे। यहां के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी है। राजधानी के लिये जो जरूरी अवस्थापनात्मक विकास जरूरी होता है, उसके लिये मैं घोषणा करता हूँ कि हम आने वाले 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च करेंगे।  25 हजार करोङ रूपए से ग्रीष्मकालीन राजधानी के पूरे परिक्षेत्र का विकास होगा। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भरडीसैण) मे 21 वां राज्य स्थापना दिवस (20वीं वर्षगांठ) बडे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। भराडीसैंण विधानसभा परिसर में आईटीबीपी और पुलिस के जवानो की भव्य रैतिक सेरेमोनियल परेड के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। 
 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराडीसैंण) विधानसभा परिसर से पूरे प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी मुखिया ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद गैरसैंण मे राज्य स्थापना दिवस की सालगिरह मनायी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड 21 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में हम संकल्प लेते हैं कि हम अपनी एक-एक बहन के सिर से घास का बोझ हटा देंगे। इसके लिये व्यापक स्तर काम चल रहा है। हमारी माताएं और बहनें बहुत मेहनती हैं। हमारी कोशिश है कि इनका स्किल डेवलपमेंट कर आर्थिक तौर पर सशक्त किया जाए। 


मुख्यमंत्री ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ही यहां की भावनाओं को समझते हुए उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का निर्माण दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से किया गया था। मैं बहुत से दूरस्थ और सीमांत गांवों में गया हूँ। जनभावनाओ का सम्मान करते हुए गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन बनाया है। गैरसैंण प्रतीक है पहाङवासियों की पीड़ा का, दर्द का। 


विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर विकास की नयी धारा प्रवाहित की है। यहां ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से सभी लोगों में खुशी छाई है। मुख्यमंत्री जी बातें कम और काम ज्यादा करते हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, महेंद्र भट्ट, मुन्नी देवी शाह, भरत सिंह चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, अन्य जनप्रतिनिधि सहित गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण स्थित मां भाराडी के मंदिर पहुंच कर विधिवत पूजा अर्चना भी की।

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