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गंगा किनारे के काम पूरे करने को गंगा फ्लड जोन क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को हटाएं डीएम, मुख्य सचिव ने राज्य गंगा पुनर्जीवन, सुरक्षा और प्रबन्धन समिति की बैठक में दिए निर्देश

गंगा किनारे के काम पूरे करने को गंगा फ्लड जोन क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को हटाएं डीएम, मुख्य सचिव ने राज्य गंगा पुनर्जीवन, सुरक्षा और प्रबन्धन समिति की बैठक में दिए निर्देश

देहरादून।

गंगा फ्लड जोन क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को तत्काल हटाने के निर्देश मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने दिए। सचिवालय में हुई राज्य गंगा पुनर्जीवन, सुरक्षा और प्रबंधन समिति की बैठक में सीएस ने कहा कि अतिक्रमण हटाते हुए इन क्षेत्रों में तत्काल काम शुरू किए जाएं।
सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने राज्य गंगा समिति से जुड़े विभिन्न विभागों, एजेंसियों और जनपदीय अधिकारियों से गंगा सुरक्षा और पुनर्जीवन से सम्बन्धित विभिन्न परियोजना के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। डीएम हरिद्वार, उत्तरकाशी को फ्लड जोन क्षेत्र में हुए अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इन क्षेत्रों में तत्काल काम भी शुरू किए जाएं। उन्होंने देवप्रयाग, गंगोत्री और बद्रीनाथ में सेप्टेज मैनेजमेंट के तहत हाउसहोल्ड कनेक्टिविटी के कार्यों को शहरी विकास विभाग और पेयजल निगम को पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि जहां पर सेप्टेज संक्शन वाहन की जरूरत है। उन्हें भी उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य सचिव ने गंगा से सटे कस्बों में ठोस एवं तरल वेस्ट मैनेजमेंट तथा अपशिष्ट के पुनउपयोग से सम्बन्धित कार्यों की तेजी से प्रगति बढ़ाने को कहा। मुख्य सचिव ने सभी डीएम को नमामि गंगे अभियान में कार्यों की प्रगति को बढ़ाने के लिए नियमित अन्तराल पर इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए। कहा कि कोई दिक्कत हो, तो उसे राज्य स्तरीय समिति के संज्ञान में लाने को कहा।
मुख्य सचिव ने नमामि गंगे अभियान में सीवरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट, गंगा के कैचमेंट एरिया में वृक्षारोपण, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन, घाटों का सौन्दर्यीकरण सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, जैव विविधता और जल संरक्षण सम्बन्धित सभी कार्यों को तय लक्ष्य के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि कार्यों की गुणवत्ता बना कर रखी जाए। मुख्य सचिव ने गंगा रेजुनेशन से सम्बन्धित बहुत से कार्यों को पूरा करने के लिये मनरेगा की 50 प्रतिशत धनराशि से काम पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि जो काम पूरा हो जाते हैं, उनका समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आनन्द वर्धन, वित्त सचिव सौजन्या, परियोजना निदेशक नमामि गंगे उदयराज आदि मौजूद रहे।

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