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गोल्डन कार्ड बनने तक न हो अंशदान में कटौती, आश्रितों की आय सीमा बढ़ाने की मांग, कर्मचारियों को जबरन न जोड़ने पर भी जोर, उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने कैशलेस इलाज सुविधा का किया स्वागत 

गोल्डन कार्ड बनने तक न हो अंशदान में कटौती, आश्रितों की आय सीमा बढ़ाने की मांग, कर्मचारियों को जबरन न जोड़ने पर भी जोर, उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने कैशलेस इलाज सुविधा का किया स्वागत

देहरादून।

उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने साफ किया कि जब तक कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड नहीं बन जाते, अंशदान से कटौती न की जाए। कार्ड बनने के बाद ही अंशदान से कटौती की जाए। संगठन ने अटल आयुष्मान योजना में कैशलेस इलाज की सुविधा दिए जाने पर आभार जताया।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार और प्रदेश महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन जल्द गोल्डन कार्ड के संबंध में बैठक करेगा। कार्ड के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर 20 फरवरी को आईटी पार्क स्थित आयुष्मान भवन में होने वाली बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत से वार्ता होगी।
कहा कि योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में सभी बीमारियों के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। राजधानी स्थित मैक्स, कैलाश, हरिद्वार में सिटी हॉस्पिटल एवं रामकृष्ण अस्पताल के अलावा कुमाऊं मंडल में जो भी उच्च स्तरीय अस्पताल योजना में नहीं लिए गए हैं, उन सभी को योजना में सूचीबद्ध किया जाए। राज्य के बाहर सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाए। उनमें बिना रेफरल के उपचार की व्यवस्था लागू की जाए।

आश्रित की आय सीमा बढ़ा कर 30 हजार की जाए
पदाधिकारियों ने कहा कि गोल्डन कार्ड योजना में कर्मचारी एवं पेंशनर्स के आश्रित की आय सीमा को 9000 रुपये प्रति माह से बढ़ा कर 30 हजार रुपये की जाए। आश्रित की श्रेणी में उम्र 25 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष की जाए। विधवा शिक्षिका कर्मचारियों के सास ससुर को भी इस योजना में शामिल किया जाए। जिन विधवाओं की वर्तमान वेतन से कटौती की जा रही है, उनकी पूर्व से मिल रही पेंशन से कटौती बंद की जाए। कहा कि पेंशनर्स से सेवारत कार्मिकों की तुलना में मासिक अंशदान 50 फीसदी कम लिया जाए।

जबरन न जोड़ा जाए कर्मचारियों को
कहा कि जो कर्मचारी शिक्षक योजना से नहीं जुड़ना चाहते हैं, उन्हें जबरन ना जोड़ा जाए। योजना की वेबसाइट बनाई जाए, जिस पर योजना से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध हो। योजना से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण हेतु एक्सएल का भी गठन किया जाए।

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