गोल्डन कार्ड में अंशदान की कटौती तत्काल हो बंद, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में मौजूदा व्यवस्थाओं पर जताई गई नाराजगी, व्यवस्था दुरुस्त न होने पर बंद हो योजना, पुरानी व्यवस्था को किया जाए फिर से लागू
देहरादून।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की हाई पावर कोर कमेटी की ऑनलाइन हुई बैठक में गोल्डन कार्ड की खामियों पर चर्चा की गई। पदाधिकारियों ने चर्चा के दौरान मांग करते हुए कहा कि वर्तमान में गोल्डन कार्ड के संबंध में पूर्व में की गई घोषणाओं के अनुसार सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं। ऐसे में अंशदान की कटौती को तत्काल बंद किया जाए।
पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक आयोजित कर उनकी मांग अनुसार विस्तृत कार्य योजना के साथ योजना को लागू किया जाए। यदि ऐसा संभव नहीं है तो फिर गोल्डन कार्ड का राज्य के कर्मचारियों के लिए कोई महत्व नहीं है। उनके लिए अपनी पुरानी व्यवस्था ही ठीक है। क्योंकि वर्तमान में गोल्डन कार्ड को लेकर विभिन्न विसंगतियां सामने आई हैं। इसे देख कर लगता है कि इस योजना को लागू करते समय विस्तृत कार्ययोजना नहीं तैयार की गई। जल्दबाजी में ही इसे लागू कर दिया गया है।
ऐसा न होता तो पंजीकृत अस्पतालों की सूची में आने वाले अस्पताल भी गोल्डन कार्ड धारकों को चिकित्सा देने से मना नहीं करते। पंजीकरण में अस्पताल की कुछ सुविधाएं ही पंजीकृत हैं ना कि पूरा अस्पताल। राजधानी व प्रदेश के तमाम बड़े अस्पताल अभी तक पंजीकृत नहीं हुए हैं। तमाम तरह के हृदय ,मस्तिष्क, हड्डी आदि से जुड़े हुए परीक्षण जिनको ओपीडी में गोल्डन कार्ड में शामिल किया जाना था, जो कि नहीं किया गया है। दवाओं के लिए भी दुकानों के पंजीकरण की बात की गई थी, लेकिन व्यवस्था नहीं की गई है।
इसी प्रकार परीक्षणों के लिए भी प्राइवेट लैब्स के पंजीकरण की व्यवस्था भी नहीं की गई। परिषद का मानना है कि जब तक इन तमाम विसंगतियों को दूर नहीं किया जाता, तब तक के लिए कार्मिकों से कटौती बेमानी है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। प्रह्लाद सिंह, एनके त्रिपाठी, अरुण पांडे, शक्ति प्रसाद भट्ट, चौधरी ओमवीर सिंह, गिरिजेश कांडपाल, कुंवर सामंत, हषर्वर्धन नेगी, आरपी जोशी, सुनील देवली, जीएस नेगी, तनवीर अहमद, अशोक कुमार शर्मा, पीसी शर्मा, गुड्डी मटूडा, रेनू लांबा, बाबू खान, आईएम कोठारी आदि मौजूद रहे।
कर्मचारियों को मिले धारा 27 का लाभ
बैठक में मांग की गई की शासन द्वारा स्थानांतरण सत्र शून्य घोषित कर दिया गया है। किंतु उन कार्मिकों को अवश्य ही धारा 27 का लाभ मिलना चाहिए जो कि किन्ही कारणों से स्थानांतरण के लिए इच्छुक हैं।
एसीपी, शिथिलीकरण, प्रमोशन का मिले लाभ
बैठक में पुरानी एसीपी, शिथिलीकरण, पदोन्नति का लाभ देने की मांग की गई। आरोप लगाया गया कि सिर्फ कोरे आश्वासन दिए गए, लेकिन कोई मांग पूरी नहीं की गई। जिसकी समीक्षा की जानी चाहिए।
कर्मचारियों को मिले 50 लाख का बीमा
बैठक में कोविड-19 मे अपनी ड्यूटी करने वाले समस्त कार्मिकों को 50 लाख का बीमा कवर प्रदान करने की मांग की गई। जमीनी स्तर पर काम कर रहे सभी कर्मचारियों और उनके परिजनों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए।