शासन ने किया स्पष्ट, बिजली कर्मचारी पहले ही कोरोना वारियर, सचिव ऊर्जा ने स्थिति की स्पष्ट, पूर्व में नौ अप्रैल 2020 के आदेश में स्पष्ट व्यवस्था
देहरादून।
बिजली कर्मचारी संगठनों की ओर से बार बार कोरोना वारियर घोषित किए जाने की मांग पर शासन ने स्थिति स्पष्ट की। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने स्पष्ट किया कि पूर्व के आदेशों में ही बिजली कर्मचारियों को कोरोना वारियर घोषित किया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि न सिर्फ ऊर्जा निगम की सेवाएं आवश्यक हैं। बल्कि इनमें कार्यरत नियमित, उपनल, संविदा, आउटसोर्सिंग भी पूर्व से कोरोना वारियर घोषित हैं। नौ अप्रैल 2020 को ही आदेश में पूरी तरह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी कार्मिक की कोरोना वारियर के रूप में काम करते हुए मौत होती है, तो परिजनों को दस लाख रुपये राहत राशि दी जाएगी। कोई भी कर्मचारी कोरोना संक्रमित होने व निधन होने पर राहत राशि देने के साथ ही अन्य सहायता भी दी जाएगी।
तीनों निगमों में कर्मचारियों के लगातार कोरोना संक्रमित होने पर तीनों निगमों के एमडी को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रदेश के भीतर के प्रतिष्ठित डॉक्टरों का पैनल तैयार करें। जिनसे सम्बन्धित संक्रमित कर्मचारी टेलीमेडिशन के जरिए परामर्श ले सकें। कोरोना टीकाकरण को भी कर्मचारियों का पंजीकरण सुनिश्चित कराते हुए टीकाकरण की कार्रवाई की जाए। कैंप लगाने के प्रयास सुनिश्चित किए जाएं।
लंबित मांगों पर हो कार्रवाई
सचिव ऊर्जा ने तीनों निगमों के एमडी को कर्मचारी संगठनों के मांग पत्र कार्रवाई को उनके साथ वार्ता की जाए। प्रबंधन स्तर की जायज मांगों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। शासन स्तर से सम्बन्धित मांगों को अपनी संस्तुति सहित शासन को संदर्भित की जाएं। ताकि कर्मचारी संगठनों का मनोबल बना रहे।