हेली सेक्टर में सरकार की नीतियों पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने उठाए सवाल, बताया पूरी तरह विफल, कांग्रेस सरकार के समय हुए कार्यों को भी आते ही बंद करवा दिया, पंतनगर, पिथौरागढ़ हेली सेवा तक सरकार के कारण हो गईं बंद
देहरादून।
राज्य में हेली सेवाओं की स्थिति को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने मौजूदा भाजपा सरकार को घेरा। सरकार की नीति पर सवाल उठाए। कहा कि कांग्रेस सरकार में जो काम तेज गति से हो भी रहे थे, उन्हें भी भाजपा ने आते ही बंद करा दिया। साढ़े चार साल में सरकार कुछ भी नहीं कर पाई।
कहा कि हमने राज्य में हैलीपैड और हवाई पट्टियां बनाई। उनके उपयोग के लिये हमने एक अभिनव कदम उठाया। हमने केदारनाथ जी के सेक्टर, जहां कार्यरत हेलीकाप्टर को संचालित करने वाली कंपनियां काफी अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, मगर राज्य को लगभग कुछ दे नहीं रही हैं। हमने यह तय किया कि हम राज्य के 8 हेलीपैडों और 3 हवाई पट्टियों को देहरादून और पंतनगर से जोड़ने के लिये एक एकीकृत हवाई सेवा बनाएं। उसमें केदारनाथ सेक्टर को भी संबद्ध कर दें।
एकीकृत हवाई सेवा संचालित करने वाली कम्पनी केदार सेक्टर से कमायेगी और दूसरे सेक्टर्स जहां प्रारम्भ में कम यात्री मिलेंगे, वहां होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति कर सकेगी। सरकार की तरफ से उन्हें हवाई पट्टी व हैलीपैड्स के उपयोग पर कोई किराया नहीं लिया जायेगा। केदारनाथ में हेलीकाप्टर सेवा संचालित कर रही कंपनियों को जब इसका पता लगा तो उन्होंने काफी विरोध किया। मगर हमने विरोध की अनदेखी करके टेंडर आमंत्रित किये। उस टेंडर में एक कम्पनी आगे आयी जो सबसे लोएस्ट विडर थी। उस कंपनी को हमने काम दे दिया। श्री केदारनाथ सेक्टर में कार्यरत हेलीकाप्टर संचालित करने वाली कंपनियों ने हमारे विरूद्ध प्रचार युद्ध छेड़ दिया। बहरहाल हमने उनके विरोध की अनदेखी करके एकीकृत हवाई सेवा का उद्घाटन भी कर दिया।
एक आठ सीटर हेलीकाप्टर के साथ सेवा प्रारम्भ हो गई। हमने कुछ समय के लिये अपने राज्य का एयरक्राफ्ट भी कम्पनी को किराये पर दे दिया। उन्होंने चिन्यालीसौड़ व पिथौरागढ़ से इसको संचालित भी किया। राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ तो भाजपा की सरकार ने आते ही पहला काम किया कि उस करार को रद्द कर दिया। आज जब साढ़े चार साल बीतने को आ रहे हैं, कहीं से भी हवाई सेवाएं पिथौरागढ़, गौचर और चिन्यालीसौड़ के लिये शुरू नहीं हुई हैं, हैलीपैड्स भी विरान पड़े हैं। राज्य सरकार का प्रत्येक प्रयास व आश्वासन धड़ाम हो चुके हैं।