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होटल, ढाबों को पानी के बिलों में छूट पर फैसला लेगी समिति, विधानसभा में उठा पर्यटन कारोबार को नुकसान का मसला, सरकार का जवाब, पहले बढ़ोत्तरी में छह प्रतिशत की दी छूट, कनेक्शन भी नहीं काटे अभी तक

होटल, ढाबों को पानी के बिलों में छूट पर फैसला लेगी समिति, विधानसभा में उठा पर्यटन कारोबार को नुकसान का मसला, सरकार का जवाब, पहले बढ़ोत्तरी में छह प्रतिशत की दी छूट, कनेक्शन भी नहीं काटे अभी तक

देहरादून।

लॉकडाउन में बंद रहे होटल, ढाबों को पानी के बिलों में पूरी तरह छूट का फैसला सरकार ने पानी के बिलों के निर्धारण को गठित समिति पर छोड़ दिया है। कार्य स्थगन में विधायक प्रीतम पंवार ने लॉकडाउन में बंद रहे होटल, ढाबों को पानी के बिलों में शत प्रतिशत छूट देने की मांग की थी।
विधायक ने सदन में कहा कि कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने पर्यटन कारोबार की कमर तोड़ कर रख दी थी। होटल, ढाबों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया था। अभी भी पर्यटन कारोबार इससे उबर नहीं पाया है। संस्थान बंद करने की नौबत आ गई है। ऐसे में सरकार को इन संस्थानों का पानी का बिल पूरी तरह माफ करना चाहिए।
संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सरकार ने लॉकडाउन से हुए असर को समझते हुए पानी के बिलों में सालाना होने वाली बढ़ोत्तरी में छह प्रतिशत की छूट दी थी। मार्च, अप्रैल, मई में बिल जमा करने की छूट दी। साफ कर दिया गया था कि बिल भुगतान न किए जाने पर भी कनेक्शन न काटा जाएगा। अब लॉकडाउन के समय के पानी के बिल में पूरी तरह छूट के मसले को पेयजल बिल निर्धारण समिति को भेजने का फैसला लिया गया है। समिति के निर्णय के अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी।

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