देहरादून
पुरोला में धारा-144 लागू कर दी गई है, इसके बावजूद महापंचायत रोकने को प्रशासन ने पुरोला को छावनी में तब्दील कर दिया है। उधर, व्यापारी और हिन्दू संगठनो से जुड़े लोगों को पुलिस ने नौगांव से एक किमी आगे रोक दिया है। वहीं आज नगरपालिका क्षेत्र, बड़कोट, नौगांव में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। उत्तरकाशी जिले की सीमाएं सील हैं, ड्रोन से नजर रखी जा रही है।
उपजिलाधिकारी बड़कोट जितेंद्र कुमार पुलिस फ़ोर्स के साथ कूच की सूचना मिलते ही पहुंच चुके थे। पुलिस ने सभी को रोक दिया है, जबकि व्यापारी और हिन्दू संगठनों के लोग पुरोला जाने के लिए अड़े हुए हैं। उपजिलाधिकारी सभी को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोग यहां नारेबाजी कर रहे हैं।
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के सदस्य अधिवक्ता शाहरुख आलम ने बुधवार को पुरोला में हिंदुवादी संगठनों की महापंचायत व संप्रदाय विशेष के लोगों को 15 जून तक शहर छोड़ने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने याचिकाकर्ता को पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट पर विश्वास क्यों नहीं है? उनका भी अधिकार क्षेत्र है, आपको कुछ, और कहा हाईकोर्ट पर भरोसा करना चाहिए। । यह शॉर्ट सर्किटिंग क्यों? हम मेरिट या कारण पर नहीं हैं। आप प्रशासन पर विश्वास क्यों नहीं करते हैं?’ जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।