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केदारनाथ मंदिर की झलक दिखाता हुआ बजरंग पुल ऋषिकेश में होगा तैयार, राम, लक्ष्मण, जानकी पुल के बाद बजरंग पुल 

केदारनाथ मंदिर की झलक दिखाता हुआ बजरंग पुल ऋषिकेश में होगा तैयार, राम, लक्ष्मण, जानकी पुल के बाद बजरंग पुल

देहरादून।

ऋषिकेश में जल्द बजरंग पुल तैयार होगा। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने जानकी पुल के उद्घाटन के मौके पर ही इसकी घोषणा की। चीन में बने कांच के पुल की ही तरह बजरंग पुल के बाहरी हिस्से भी पारदर्शी होंगे। इसके अलावा दोनों सिरों पर बनने वाले इसके टावर केदारनाथ मंदिर की झलक प्रस्तुत करेंगे। लोनिवि की ओर से इसका कंप्यूटरीकृत मॉडल तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय सड़क निधि से बनने वाले इस पुल के निर्माण में करीब 66 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
लक्ष्मण झूला पुल के पास बनने वाले बजरंग पुल के लिए पहले चरण में 3.03 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। फिलहाल केंद्र सरकार को 66 करोड़ रुपये की डीपीआर स्वीकृति के लिए भेजी गई है। इसकी स्वीकृति जल्द मिलने की उम्मीद है। पुल की कुल लंबाई 133 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होगी। इसके दोनों तरफ 1.5 मीटर का पैदल पथ होगा, जो कांच का बना होगा। यह कांच 65 मिमी मोटा होगा, जो बेहद मजबूत होता है। इस पर खड़े होकर सैलानी 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे।
मोहम्मद आरिफ खान, अधिशासी अभियंता लोनिवि नरेंद्रनगर ने बताया कि लक्ष्मण झूला पुल के बगल में बनने वाले बजरंग पुल का डिजाइन फाइनल हो गया है। करीब 66 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल की डीपीआर भारत सरकार को भेज दी गई है। यह पुल केंद्रीय सड़क निधि की वरीयता में है। केंद्र से मंजूरी के बाद पुल को शीघ्र बनाने का प्रयास किया जाएगा।

चौपहिया वाहनों के लिए जगह
इसके अलावा बीच 2.5 गुणा 2.5 मीटर की दो लेन सड़क होगी, जिस पर चार पहिया वाहन भी चल सकेंगे। इसके दोनों सीरों पर बनने वाले टावर की ऊंचाई करीब 27 मीटर होगी, जो केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया जाएगा। दूर से देखने में ये दोनों टावर केदारनाथ मंदिर की झलक पेश करेंगे। बता दें कि 12 जुलाई 2019 को लक्ष्मणझूला पुल के कमजोर होने के कारण शासन ने पुल पर आवाजाही पर रोक लगा दी थी। तब से अब तक पुल पर लोगों की आवाजाही बंद है। खास बात यह है कि पुराने पुल को तोड़ा नहीं जाएगा, बल्कि इसे धरोहर के रूप में संजोया जाएगा।

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