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कर्ज बांटने में सहकारी बैंकों की मनमानी पर कसी गई नकेल, एक करोड़ तक के लोन पर लेनी होगी रजिस्ट्रार की अनुमति, पांच करोड़ तक लोन को सचिव सहकारिता की मंजूरी जरूरी, नियमावली बनाने की तैयारी

कर्ज बांटने में सहकारी बैंकों की मनमानी पर कसी गई नकेल, एक करोड़ तक के लोन पर लेनी होगी रजिस्ट्रार की अनुमति, पांच करोड़ तक लोन को सचिव सहकारिता की मंजूरी जरूरी, नियमावली बनाने की तैयारी

देहरादून।

कर्ज बांटने में सहकारी बैंकों की ओर से बरती जा रही मनमानी, गड़बड़ी पर अब नकेल कसी जाएगी। अब आंख बंद कर मनमाने तरीके से कर्ज नहीं बांटा जा सकेगा। इसके लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है। अब
एक करोड़ तक के लोन पर रजिस्ट्रार सहकारिता की मंजूरी लेनी होगी। पांच करोड़ तक लोन को सचिव सहकारिता की मंजूरी जरूरी होगी। इसके लिए बाकायदा नियमावली बनाई जाएगी।
लंबे समय से सहकारी बैंकों की ओर से बांटे जा रहे लोन एनपीए हो रहे हैं। न तो नियमानुसार लोन बांटे जा रहे थे और न ही वसूली हो रही थी। इस पर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने एक ठोस व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। सहकारिता मंत्री के इस आदेश से सहकारी बैंकों में लोन बांटने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों की नींद उड़ गई है।
गड़बड़ी करने वालों के कारण ही अकेले सिर्फ 20 बड़े बकायेदारों पर 300 करोड़ का एनपीए है। जबकि 29 लाख से ज्यादा के आम जनता के खातों में 300 करोड़ बकाया रहा। इसमें भी 75 करोड़ की वसूली हो चुकी है। अब सिर्फ 225 करोड़ का बकाया शेष है। इस वसूली के लिए सहकारिता मंत्री ने वसूली अभियान शुरू किया हुआ है।

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