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मिनिस्टीरियल कर्मचारियों ने वित्त विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप, वित्त विभाग को 12 साल बाद आई वसूली की याद, अब रिटायर कर्मचारियों से वसूली को बताया नियम विरुद्ध, साधा निशाना 

मिनिस्टीरियल कर्मचारियों ने वित्त विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप, वित्त विभाग को 12 साल बाद आई वसूली की याद, अब रिटायर कर्मचारियों से वसूली को बताया नियम विरुद्ध, साधा निशाना

देहरादून।

उत्तरांचल फैडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने 12 साल बाद वित्त विभाग की ओर से वसूली आदेश करने पर कड़ा एतराज जताया। पदाधिकारियों ने सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल को ज्ञापन सौंप अपना पक्ष रखा। कहा कि पूरी तरह गलती वित्त विभाग के अफसरों की है। इसका ठीकरा अब कर्मचारियों के सिर फोड़ा जा रहा है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल ने साफ किया कि एक सितंबर 2008 को वित्त विभाग से एक आदेश होता है। इसमें कहीं भी ये स्पष्ट नहीं किया गया कि एसीपी, एमएसीपी का लाभ स्टाफिंग पैटर्न वाले कर्मचारियों को नहीं मिलेगा। अब 12 साल बाद वित्त विभाग को याद आ रही है कि आदेश गलत हुआ है और स्टाफिंग पैटर्न वालों से वसूली होगी। जबकि ये पूरी तरह नियमानुसार गलत है। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। क्योंकि 12 साल से ट्रेजरी में बिल जा रहे हैं। इतनें सालों में किसी ने क्यों इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसके लिए न तो ट्रेजरी और न ही डीडीओ जिम्मेदार हैं। पूरी गलती सीधे तौर पर वित्त विभाग के अफसरों की है। सरकारी प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे इस विषय पर जल्द सीएम से वार्ता कर बीच का रास्ता निकालेंगे। प्रतिनिधि मंडल में सुनील दत्त कोठारी, पूर्णानंद नौटियाल, सुभाष देवलियाल, हरीश चन्द्र नौटियाल, प्रवेश सेमवाल, सुभाष रतूडी शामिल रहे।

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