एसीपी की वसूली के खिलाफ मिनिस्टीरियल कर्मचारी लामबंद, प्रदेश भर में कार्यबहिष्कार कर जताया विरोध
देहरादून।
उत्तरांचल फेडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन द्वारा अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज द्वितीय चरण में सुबह 10:00 बजे से 12:00 बजे तक 2 घंटे का सांकेतिक कार्य बहिष्कार पूरे प्रदेश में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
श्री सुनील दत्त कोठारी प्रांतीय अध्यक्ष एवं श्री पूर्णानंद नौटियाल प्रांतीय महामंत्री ने बताया की आज पूरे प्रदेश में मिनिस्टरियल कार्मिकों द्वारा अपनी मांगों के प्रति 2 घंटे का सांकेतिक कार्य बहिष्कार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न किया गया है उन्होंने बताया कि उत्तराखंड शासन द्वारा हमारी मांगों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई जा रही है और ना ही शासन वार्ता करना चाहता है। इससे ऐसा प्रतीत होता है की उत्तराखंड शासन जानबूझकर कार्मिकों को हड़ताल के लिए विवश कर रहा है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया है कि वह हस्तक्षेप कर मिनिस्टीरियल कार्मिकों की जायज मांगों पर वार्ता हेतु शीघ्र मुख्य सचिव को निर्देशित करें ताकि मिनिस्टीरियल कार्मिकों को अनिश्चितकालीन हड़ताल जैसा अप्रिय निर्णय लेने हेतु बाध्य ना होना पड़े वर्तमान में 2 घंटे का कार्य बहिष्कार का कार्यक्रम लगातार 8 अप्रैल तक चलाया जाएगा। मिनिस्ट्रीयल कार्मिको से 10,16,26,वर्ष की सेवा पर दिया गया ए0सी0पी0 का लाभ बन्द करना तथा दिये गये लाभ की वसूली करना मिनिस्ट्रीयल कार्मिकों के साथ घोर अन्याय है। इसके अतिरिक्त दिनांक 27-7-2020 को अपर मुख्य सचिव महोदय के साथ सम्पन्न हुई बैठक में कई बिन्दुओं पर सकारात्मक निर्णय होने के पश्चात भी इतनी लम्बी अवधि व्यतीत होने पर भी आज तक किसी भी बिन्दु पर शासनादेश जारी न करना दुर्भाग्य पूर्ण है। इससे शासन द्वारा आहुत बैठक का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। उन्होंने मांग की कि मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि 25 वर्ष से घटाकर 22 वर्ष करने का लिखित समझौता होने के बावजूद आज तक शासनादेश जारी नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में मिनिस्ट्रीयल कार्मिकों के पास आन्दोलन करना ही एक विकल्प बचता है। उतराखण्ड शासन को हड़ताल पर प्रतिबन्ध लगाने के बजाय कार्मिकों की जायज मांगो पर वार्ता कर समाधान करना चाहिए। यदि शासन बात ही नहीं सुनेगा। तो फैडरेशन को बाध्य होकर अनिश्चित कालीन हड़ताल का निर्णय लेना ही पड़ेगा।तथा इसकी जिम्मेदारी भी उतराखण्ड शासन की ही होगी।
आज सांकेतिक कार्य बहिस्कार के साथ ही यमुना कालोनी में लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग के कार्यालयों के बाहर गेट मिटिंग कर आम सभा भी आयोजित की गयी। आमसभा में श्री सुनील दत्त कोठारी, पूर्णानंद नौटियाल, सुभाष देवलियाल , दीप चन्द्र बुलड़ाकोटी, सुभाष रतूडी, सुरेन्द्र प्रसाद बछेती,महाबीर तोमर, प्रवेश सेमवाल, नत्थी लाल ,रबीश कण्डवाल बीना रावत, अन्जना गुप्ता आदि ने अपने विचार रखे।