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न इंजीनियर और न कर्मचारी, तो कहां से होगी शत प्रतिशत बिजली बिलों की वसूली, कैसे रुकेगी बिजली चोरी, बिजली इंजीनियरों ने मैनेजमेंट के सामने रखी असल हकीकत 

न इंजीनियर और न कर्मचारी, तो कहां से होगी शत प्रतिशत बिजली बिलों की वसूली, कैसे रुकेगी बिजली चोरी, बिजली इंजीनियरों ने मैनेजमेंट के सामने रखी असल हकीकत


देहरादून।

ऊर्जा निगम में न मानक के अनुसार जूनियर इंजीनियर से लेकर असिस्टेंट इंजीनियर हैं। न ही कर्मचारी। ऐसे में कैसे शत प्रतिशत राजस्व वसूली संभव होगी। साथ ही कैसे बिजली चोरी रुकेगी। विद्युत संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने यूपीसीएल मैनेजमेंट को असल हकीकत से वाकिफ कराया।
यूपीसीएल मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन के दौरान चेतावनी दी गई कि यदि किसी भी इंजीनियर का वेतन काटा गया, तो आंदोलन तय है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि उपभोक्ताओं की संख्या, बिजली घरों, विद्युत लाइनों की लंबाई अभूतपूर्व तरीके से 400 से 500 प्रतिशत तक बढ़ गई है। दूसरी ओर कर्मचारियों की संख्या कम होते हुए 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है। 2012 से सहायक अभियंता की भर्ती तक नहीं हुई। ग्रुप क में 191 के मुकाबले 139 और ग्रुप ख में 380 के मुकाबले 242, ग्रुप ग में 5212 के मुकाबले 1756, ग्रुप घ में 2796 के मुकाबले 422 ही कर्मचारी हैं। न्यूनतम कुल 8579 कर्मचारियों के मुकाबले सिर्फ 2559 कर्मचारी हैं। हर कर्मचारी तीन गुना काम कर रहा है।
इसके बावजूद कर्मचारी, इंजीनियर बढ़ चढ़ कर काम कर रहे हैं। कर्मचारियों को ईनाम देने की बजाय उनका शोषण किया जा रहा है। इसका विरोध होगा। विरोध जताने वालों में मोर्चा संयोजक इंसारूल हक, पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन अध्यक्ष कार्तिकेय दूबे, महासचिव अमित रंजन, अनिल मिश्रा, अमित कुमार, रवि राजौरा, आशुतोष तिवारी, शैलेंद्र सिंह, आशुतोष कटारिया, नीरज टम्टा, जीएस कुवंर, नरेश कुमार, मोहित जोशी, गौरव शर्मा, राहुल जैन, मोहन मित्तल, मुकेश कुमार, सौरभ पाण्डे, केहर सिंह मौजूद रहे।

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