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राज्य में बाहरी निर्माण एजेंसियों का विरोध, बदरीनाथ में बाढ़ सुरक्षा के कार्य वैपकॉस को दिए जताया एतराज, पुलों का काम यूपी सेतु निगम समेत दूसरी एजेंसियों को देने का भी विरोध 

राज्य में बाहरी निर्माण एजेंसियों का विरोध, बदरीनाथ में बाढ़ सुरक्षा के कार्य वैपकॉस को दिए जताया एतराज, पुलों का काम यूपी सेतु निगम समेत दूसरी एजेंसियों को देने का भी विरोध

देहरादून।

उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ सिंचाई विभाग ने राज्य में बाहरी एजेंसियों को निर्माण कार्यों को देने का विरोध किया। कैबिनेट में हुए बदरीनाथ बाढ़ सुरक्षा कार्यों का जिम्मा वैपकॉस संस्था को दिए जाने पर भी एतराज जताया गया।
संघ संघ के महासचिव अनिल सिंह पंवार ने सीएम को भेजे ज्ञापन में कहा कि सरकार कोरोना महामारी से निपटने में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने को नये पदों का सृजन नहीं कर रही है। दूसरी ओर बाहरी एजेंसियों को काम देकर स्वयं फिजूलखर्ची बढ़ाई जा रही है। इन बाहरी एजेंसियों के जरिए सेंटज का पैसा राज्य से बाहर जा रहा है। अपनी तकनीकी एजेंसियों, इंजीनियरों का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। एक ओर केदारनाथ में बेहतर काम करने पर विभागीय इंजीनियरों को प्रशस्ती पत्र दिए गए। वहीं दूसरी ओर बदरीनाथ धाम में अलकनंदा नदी पर 100 करोड़ का बाढ़ नियंत्रण का काम वैपकॉस जैसी संस्था को दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कई मोटर मार्ग पर बनने वाले 151 पुल निर्माण के कार्य यूपी राज्य सेतू निगम, ब्रिज एंड रूफ कंपनी समेत अन्य बाहरी संस्थाओं को देने की तैयारी है। जबकि इन पुलों का सर्वेक्षण, डीपीआर बनाने का काम सिंचाई विभाग, लोनिवि, ग्रामीण निर्माण विभाग के स्तर पर किया गया। बाहरी एजेंसियों को काम देने से करोड़ों का सेंटज तो बाहरी राज्य को जाएगा ही साथ ही राज्य के इंजीनियर खाली बैठे रहेंगे। जबकि बाहरी एजेंसी अधिक शिड्यूल ऑफ रेट पर काम करती हैं। कहा कि बदरीनाथ का काम वैपकॉस को न दिया जाए।

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