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देवस्थानम बोर्ड का विरोध, भंग करने को पीएम मोदी को लिखा पत्र, संघ प्रमुख, गृह मंत्री, कार्यकारी अध्यक्ष विहिप को भी लिखे पत्र, पत्र लिख कर चारों धामों में पूर्व की स्थिति बहाल किए जाने की मांग 

देवस्थानम बोर्ड का विरोध, भंग करने को पीएम मोदी को लिखा पत्र, संघ प्रमुख, गृह मंत्री, कार्यकारी अध्यक्ष विहिप को भी लिखे पत्र, पत्र लिख कर चारों धामों में पूर्व की स्थिति बहाल किए जाने की मांग

देहरादून।

चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत समिति ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की। महापंचायत ने पीएम मोदी के साथ ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, गृह मंत्री अमित शाह समेत विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष को पत्र लिख उत्तराखंड सरकार पर दबाव बनाया।
महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल और महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि चारों धामों में पूर्व की स्थिति बहाल की जाए। कहा कि एक्ट सरकार ने बनाया है, उससे न केवल स्थानीय तीर्थ पुरोहितों एवं हक हकूकधारियों के अधिकारों का हनन होता है। बल्कि एक यात्री को भी शास्त्रों, पुराणों द्वारा तीर्थ संस्कारों से वंचित करके हिन्दू धर्म विरोधी कार्य करेगी। इसमें भी धामों की मर्यादाओं से भी समझौता किया जाएगा।
सरकार इस एक्ट के जरिए चारों धामों की व्यवस्था को प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों के पास रखने की मंशा पाले हुए हैं। एक्ट के माध्यम से अपनी आमदनी बढ़ाना चाहती है। इस एक्ट से जिस विवाद और भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, उसके लिए सरकार स्वयं दोषी है। सरकार ने एक्ट बनाने से पहले वहां से जुड़े तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारी समाज व स्थानीय जनता से किसी प्रकार का संवाद तक नहीं बनाया। जो किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए सही नहीं है। कहा कि ये एक्ट करोड़ों हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों, आस्थाओं और विश्वास पर भी आघात करता है। यह एक्ट भारतीय संविधान में दिए धर्म सम्बन्धित मौलिक अधिकारों को भी बाधित करता है। ऐसे में एक्ट को भंग किया जाए।

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