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प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार का चार्ज देने का आदेश निरस्त, राजस्व परिषद ने जिलाधिकारियों को अपने स्तर पर व्यवस्था बनाने के दिए आदेश, अब मिनिस्टीरियल कर्मचारी हुए नाराज, नये आंदोलन की तैयारी 

प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार का चार्ज देने का आदेश निरस्त, राजस्व परिषद ने जिलाधिकारियों को अपने स्तर पर व्यवस्था बनाने के दिए आदेश, अब मिनिस्टीरियल कर्मचारी हुए नाराज, नये आंदोलन की तैयारी

देहरादून।

वरिष्ठ और मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को नायब तहसीलदार, तहसीलदार का चार्ज देने का आदेश निरस्त कर दिया गया है। आयुक्त राजस्व परिषद बाल मंयक मिश्रा की ओर से सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत प्रशासनिक अधिकारियों को चार्ज नहीं दिया जाएगा। जिलाधिकारी अपने स्तर पर व्यवस्था बनाएंगे। पूर्व की व्यवस्था के अनुरूप ही तहसीलदार, नायब तहसीलदार की अनुपस्थिति में काम चलाया जाएगा।
भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले पूरे प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार का चार्ज दिए जाने का विरोध किया जा रहा था। दो दिवसीय कार्यबहिष्कार के बाद एक अप्रैल से कलमबंद हड़ताल का ऐलान किया गया था। मंगलवार को इसी मसले को लेकर महासंघ पदाधिकारियों की राजस्व परिषद आयुक्त से वार्ता भी हुई थी। वार्ता में पूरे प्रकरण को राजस्व परिषद अध्यक्ष के समक्ष रखने का आश्वासन दिया गया था। राजस्व परिषद अध्यक्ष, मुख्य सचिव ओमप्रकाश के समक्ष पूरे प्रकरण को रखा गया। उनकी ओर से पूर्व व्यवस्था ही बहाल किए जाने के आदेश दिए जाने के बाद विधिवत आदेश जारी हुए। इसमें पूर्व आदेशों को निरस्त करते हुए जिलाधिकारियों को अपने स्तर पर फैसला लेने का अधिकार दिया गया।

अब मिनिस्टीरियल कर्मचारी हुए नाराज
देहरादून। राजस्व परिषद की ओर से पुराना आदेश निरस्त किए जाने के बाद अब उत्तराखंड मिनिस्टीरियल कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ नाराज हो गया है। देहरादून जिलाध्यक्ष राजेंद्र रावत ने कहा कि यदि आदेश वापस ले लिया गया है, तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। क्योंकि वरिष्ठ और प्रशासनिक अधिकारियों को नायब तहसीलदार और तहसीलदार का चार्ज राजस्व मैनुअल के आधार पर ही दिया गया है। पूर्व में भी ये पूरी तरह स्पष्ट होने के बाद ही राजस्व परिषद की ओर से ये आदेश किया गया था। अब यदि दबाव में ये आदेश वापस लिया गया है, तो इसका विरोध होगा। क्योंकि पूर्व आदेश भी रेवेन्यू मैनुवल के आधार पर ही हुए हैं।

महासंघ आज लेगा आंदोलन वापस
राजस्व परिषद की ओर से आदेश निरस्त किए जाने पर महासंघ पदाधिकारियों ने आभार जताया। अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह कुमाईं और महामंत्री विजय पाल सिंह मेहता ने कहा कि राजस्व व्यवस्था में तहसीलदार के बाद नायब तहसीलदार, रजिस्ट्रार कानूनगो, कानूनगो, लेखपाल, राजस्व लेखाकार का स्थान आता है। ऐसे में सीधे प्रशासनिक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार का चार्ज देने का फैसला पूरी तरह गलत रहा। जो अब वापस ले लिया गया है। अब आंदोलन वापस लेने को लेकर गुरुवार को फैसला ले लिया जाएगा। संरक्षक हुकुम चंद ने बताया कि पुराना फैसला पूरी तरह गलत रहा। क्योंकि राजस्व मैनुअल में राजस्व कर्मचारी ही काम संभाल सकता है। अनुपस्थिति में अधिक से अधिक पत्रों को अग्रसारित करने का काम किया जा सकता है, लेकिन प्रशासनिक और न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी तरह का दखल नहीं दिया जा सकता है।

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