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उपनल के आंदोलन में सीधे शामिल नहीं होंगे बिजली कर्मचारी, बिजली कर्मचारियों के अधिकतर संगठनों का ऐलान, आंदोलन को नैतिक समर्थन, सिर्फ जबरन उत्पीड़नात्मक कार्रवाई होने पर आंदोलन में शामिल होने का लिया जाएगा फैसला 

उपनल के आंदोलन में सीधे शामिल नहीं होंगे बिजली कर्मचारी, बिजली कर्मचारियों के अधिकतर संगठनों का ऐलान, आंदोलन को नैतिक समर्थन, सिर्फ जबरन उत्पीड़नात्मक कार्रवाई होने पर आंदोलन में शामिल होने का लिया जाएगा फैसला

देहरादून।

उपनल कर्मचारी महासंघ के आंदोलन में बिजली कर्मचारी सीधे शामिल नहीं होंगे। बल्कि सभी ने नैतिक समर्थन देने का ऐलान किया। साफ किया कि अभी पॉवर सप्लाई सिस्टम को बाधित नहीं किया जाएगा। यदि किसी उपनल कर्मचारी के खिलाफ कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई, तो आंदोलन में सीधे शामिल होने का फैसला लिया जाएगा।
ऊर्जा कामगार संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि बिजली कर्मचारियों की ओर से उपनल कर्मचारियों को पूरा समर्थन दिया जा रहा है। नैतिक समर्थन का अर्थ ये नहीं है कि अभी हम पॉवर सप्लाई सिस्टम को ठप कर देंगे। ऐसा तो पुरानी एसीपी की हमारी सबसे बड़ी मांग के लिए भी नहीं किया गया है। बावजूद इसके इतना तय है कि सरकार को हर हाल में उपनल कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण करना होगा। आंदोलन में शामिल उपनल कर्मचारियों का उत्पीड़न भी नहीं होगा।
बिजली कर्मचारी संघ के महासचिव प्रदीप कंसल ने भी कहा कि आंदोलन को पूरा समर्थन दिया जा रहा है। नैतिक रूप से सब उपनल कर्मचारियों के साथ है। पॉवर सप्लाई सिस्टम को अभी प्रभावित नहीं किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा पहले पूरी रणनीति बनाई जाएगी। विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि सरकार को अब तत्काल उपनल कर्मचारियों की मांगों का समाधान करना चाहिए। नियमितीकरण और समान काम का समान वेतन देने के हाईकोर्ट के आदेश को तत्काल लागू किया जाए। सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ क्यों सुप्रीम कोर्ट गई, ये समझ से परे है।

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