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दिसंबर 2017 के झूठे समझौते पर भड़के बिजली कर्मचारी, उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने जारी किया आंदोलन कार्यक्रम, किसी भी सदस्य के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर सीधे आंदोलन की दी चेतावनी 

दिसंबर 2017 के झूठे समझौते पर भड़के बिजली कर्मचारी, उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने जारी किया आंदोलन कार्यक्रम, किसी भी सदस्य के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर सीधे आंदोलन की दी चेतावनी

देहरादून।

दिसंबर 2017 के झूठे समझौते को लेकर बिजली कर्मचारी भड़के हुए हैं। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने इसे लेकर आंदोलन कार्यक्रम जारी कर दिया है। साथ ही चेतावनी दी कि किसी भी सदस्य के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर सीधे आंदोलन होगा।
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने मांगों के निस्तारण को लेकर लंबे समय से जारी गतिरोध को दूर करने की मांग की। एसीपी की पुरानी व्यवस्था, पे मेट्रिक्स, पुरानी पेंशन व्यवस्था, जीपीएफ लाभ से जुड़ी मांगों के निस्तारण में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगे पूरी न हुई, तो आंदोलन तय है। मोर्चा ने आंदोलन कार्यक्रम भी जारी कर दिया है।
मोर्चा संयोजक इंसारुल हक ने बताया कि लंबे समय से कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की जा रही है। दिसंबर 2017 में हुए समझौते की एक बात को भी नहीं माना गया है। एक के बाद एक झूठा आश्वासन देकर कर्मचारियों के सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है। हर बार आश्वासन दिया जा रहा है कि हर हाल में पुरानी एसीपी का लाभ कर्मचारियों को दिलाया जाएगा। वो दिन कब आएगा, उसका खुलासा नहीं किया जा रहा है। अब कर्मचारी इन झूठे आश्वासनों में नहीं आने वाले हैं।
कहा कि जब तक की पुरानी एसीपी, पे मेट्रिक्स, पुरानी पेंशन व्यवस्था, भत्तों के रिवीजन पर कोई फैसला नहीं होता, कर्मचारी आंदोलन जारी रखेंगे। कहा कि सरकार जल्द से जल्द हिमाचल और केरल की तरह ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर विद्युत परिषद का गठन करे। पॉवर सेक्टर के एकीकरण की ओर विचार तक न करे। ऐसा हुआ, तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। कर्मचारी पिटकुल मुख्यालय में 18 फरवरी, यूजेवीएनएल मुख्यालय में 22 फरवरी और यूपीसीएल मुख्यालय में 26 फरवरी को गेट मीटिंग कर विरोध जताएंगे।

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