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सीएम त्रिवेंद्र के राज में निशाने पर पॉवर सेक्टर के घपलेबाज, डिफॉल्टर कम्पनी के सोलर प्लांट कब्जे में लेने की तैयारी 

सीएम त्रिवेंद्र के राज में निशाने पर पॉवर सेक्टर के घपलेबाज, डिफॉल्टर कम्पनी के सोलर प्लांट कब्जे में लेने की तैयारी

देहरादून।

पहली बार पॉवर सेक्टर को कसने का काम किसी ने किया है, तो वो सीएम त्रिवेंद्र रावत हैं। एक के बाद एक पॉवर सेक्टर सीएम त्रिवेंद्र के निशाने पर है। यही वजह है, जो यूपीसीएल का करोड़ों रुपये लौटाने में देरी करने वाली कंपनी मित्तल क्रिएट एनर्जी पर सरकार का और शिकंजा कसता जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र रावत के सख्त रुख को भांपते हुए यूपीसीएल हर हाल में भुगतान सुनिश्चित कराने जा रहा है। कंपनी पोस्ट डेटेड चैक दे चुकी है, लेकिन चैक बाउंस न हो, इसके लिए दबाव के रूप में कंपनी के सोलर पॉवर प्लांट को अपने कब्जे में लेने की तैयारी है। इसके लिए यूपीसीएल की एक टीम पंजाब, यूपी रवाना होने जा रही है।
यूपीसीएल की बिजली बाजार में बेचने वाली क्रिएट एनर्जी कंपनी के स्तर पर भुगतान में देरी हुई। निगम का शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित हो, इसके लिए लगातार शासन, सरकार स्तर से दबाव बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में कंपनी से उसकी संपत्तियों के रूप में सोलर प्लांट को यूपीसीएल के नाम पर मॉर्डगेज(गिरवी) रखवाया जा रहा है। कंपनी की ओर से ऐसे अपने सभी सोलर प्लांट की डिटेल यूपीसीएल को दी है। यूपीसीएल की टीम सोलर प्लांट के उत्पादन, स्वामित्व की स्थिति, उसकी असल भौगोलिक स्थिति की पड़ताल को भटिंडा, लुधियाना, फगवाड़ा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद रवाना हो रही है। जहां संपत्तियों की पड़ताल होगी। कंपनी करीब 50 करोड़ के पोस्टडेटेड चैक यूपीसीएल को दे चुकी है। जिनसे एक नियमित समय के भीतर भुगतान होगा। इससे कंपनी एक कानूनी प्रक्रिया के दायरे में आ गई है। चैक बाउंस होता है, तो कंपनी के खिलाफ सीधे मुकदमा दर्ज होगा।

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