सचिवालय संघ चुनाव की जांच ने पकड़ा तूल, जांच टीम के जांच होने तक शपथ ग्रहण न किए जाने के निर्देश, पुराने अध्यक्ष ने लगाए हैं आरोप
देहरादून।
सचिवालय प्रशासन की ओर से सचिवालय संघ चुनाव प्रक्रिया की जांच शुरू हो गई है। इसके विरोध में सचिवालय संघ ने मोर्चा खोल दिया है। सचिवालय प्रशासन पर अनावश्यक हस्तक्षेप का आरोप लगाया। कहा कि सचिवालय प्रशासन को सचिवालय संघ का शपथ ग्रहण समारोह जांच के नाम पर स्थगित कराने का कोई अधिकार नहीं है। यदि हस्तक्षेप जारी रहा, तो कोर्ट की शरण ली जाएगी।
सचिवालय संघ चुनाव प्रक्रिया पर पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद रतूड़ी की ओर से गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। उनकी शिकायत पर अपर सचिव प्रताप शाह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति बनी है। इस जांच समिति ने सोमवार से जांच पड़ताल का काम शुरू किया। सबसे पहले सचिवालय संघ को जांच पूरी होने तक शपथ ग्रहण को स्थगित रखने को कहा गया है। इस आदेश को लेकर सचिवालय संघ में विरोध शुरू हो गया है। इसे अनावश्यक हस्तक्षेप बताया जा रहा है।
संघ अध्यक्ष दीपक जोशी, महासचिव विमल जोशी ने अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन को लिखे पत्र में कहा कि पहले भी सचिवालय प्रशासन की ओर से संघ के चुनाव में अनावश्यक दिलचस्पी ली जा रही थी। अब महज एक शिकायत के आधार पर जांच बैठा दी गई है। शपथ ग्रहण को स्थगित करने को कहा जा रहा है। जोकि पूरी तरह गलत है। कहा कि यदि किसी भी प्रत्याशी को दिक्कत है, तो वो कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन सचिवालय प्रशासन सचिवालय संघ के कामकाज में सीधे किसी भी तरह का दखल नहीं दे सकता है। यदि ऐसा जारी रहा, तो संघ स्वयं कोर्ट की शरण लेगा।