Site icon GAIRSAIN TIMES

जल निगम में तंत्र मंत्र का साया, पुराने एमडी कार्यालय में बैठने को तैयार नहीं कोई इंजीनियर, नए एमडी ने भी चीफ इंजीनियर मुख्यालय के ऑफिस में संभाला काम

जल निगम में तंत्र मंत्र का साया, पुराने एमडी कार्यालय में बैठने को तैयार नहीं कोई इंजीनियर, नए एमडी ने भी चीफ इंजीनियर मुख्यालय के ऑफिस में संभाला काम

देहरादून।

पेयजल निगम मुख्यालय में तंत्र मंत्र का साया चल रहा है। कर्मचारियों से लेकर इंजीनियरों और मैनेजमेंट के आला अफसर तक खौफजदा हैं। एमडी कार्यालय में बैठना तो दूर, यहां कोई झांकने तक को तैयार नहीं है। नये एमडी ने भी अपना ठिकाना मुख्य अभियंता मुख्यालय के कार्यालय में बना लिया है।
पेयजल निगम में राज्य गठन से लेकर वर्ष 2014-15 तक एमडी कार्यालय मौजूदा मुख्य अभियंता मुख्यालय कार्यालय में ही रहा। बाद में तत्कालीन मुख्य अभियंता मुख्यालय कार्यालय को सजा संवार कर एमडी कार्यालय में बदल दिया गया। इसके बाद अभी तक एमडी कार्यालय वही चलता रहा। पूर्व एमडी भजन सिंह को पहले सलाहकार के पद पर भेजने और फिर उनके रिटायर होने के बाद इस ऑफिस में प्रभारी एमडी के रूप में वीसी पुरोहित ने कामकाज संभाला।
सात दिसंबर को जैसे ही उनकी एमडी पद पर डीपीसी हुई और उन्होंने विधिवत चार्ज संभाला, उनकी पहले से ही खराब तबीयत कुछ ज्यादा बिगड़ गई। इसके महज कुछ दिनों के भीतर ही उनका निधन हो गया। इसके बाद शासन ने प्रभारी एमडी के रूप में आईएएस अफसर आर राजेश कुमार को चार्ज दिया, लेकिन उन्होंने भी यहां बैठने की हिम्मत नहीं की। अब नये प्रभारी एमडी एसके पंत बनाए गए हैं, लेकिन वे भी एमडी की कुर्सी पर बैठने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। उन्होंने एमडी का चार्ज लेते हुए मुख्य अभियंता मुख्यालय कार्यालय से ही काम संभाल रखा है। केके रस्तोगी जो मुख्य अभियंता मुख्यालय बनाए गए हैं, वे भी पुराने जीएम कार्यालय में ही बैठे हुए हैं। अब तैयारी पहले कार्यालय में हवन, पूजा पाठ कराने की तैयारी चल रही है।

मुख्यालय की खुदाई की तैयारी
मौजूदा मैनेजमेंट को शक है कि मुख्यालय में कुछ तंत्र मंत्र किया गया है। मुख्यालय के परिसर में कुछ जादू टोने जैसी चीजों को जमीन में गाड़ कर रखा गया है। ऐसे में एमडी ऑफिस की टाइल्स समेत पोर्च समेत परिसर में फर्श के कई हिस्सों को भी खोदने की तैयारी है।

दिवंगत एमडी स्थायी रूप से नहीं बैठ पाए एक भी दिन
जल निगम के दिवंगत एमडी वीसी पुरोहित एक भी दिन स्थायी रूप से एमडी की कुर्सी पर बैठ नहीं पाए। इस बात का अफसोस निगम के सभी कर्मचारी संगठन जता रहे हैं।

मैं मुख्य अभियंता मुख्यालय कार्यालय से ही कामकाज संभालूंगा। मौजूदा एमडी कार्यालय में बैठ कर काम करने का कोई विचार नहीं है। पुराना एमडी कार्यालय मुख्य अभियंता मुख्यालय को दे दिया गया है। कर्मचारियों की शंका के निवारण को परिसर के कुछ हिस्सों की खुदाई भी कराई जाएगी।
एसके पंत, एमडी पेयजल निगम

Exit mobile version