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सहकारिता योजनाओं का लाभ उठाएं, सहकारिता का सब को मिल जुल कर चलना उद्देश्य, प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय सेवा केन्द्र में विकसित करना

सहकारिता योजनाओं का लाभ उठाएं, सहकारिता का सब को मिल जुल कर चलना उद्देश्य, प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय सेवा केन्द्र में विकसित करना


देहरादून।

राज्य सहकारिता भवन मियांवाला देहरादून में आज 100 वां अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन भी हुआ।
इस मौके पर निबन्धक श्री आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि, आज़ादी में सहकारिता का बड़ा योगदान रहा। 1904 में सहकारिता का एक्ट बना है। सहकारिता सब को मिल जुल कर चलना उद्देश्य है। उन्होंने कहा प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय सेवा केन्द्र में विकसित करना है। यह काम राज्य में बड़ी तेजी से हुआ है।

श्री पांडेय ने कहा कि, मिलेट मिशन योजनान्तर्गत प्रदेश में परम्परागत कृषि के उत्थान हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित मण्डुवा, झंगोरा, राजमा, चौलाई का सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर क्रय कर किसानों की उपज का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि, सहकारिता से जुड़कर विभाग के माध्यम से प्रदेश में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठायें तथा एक सशक्त, समृद्ध एवं आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में अपना योगदान दें।

अपर निबन्धक श्री आनंद शुक्ल ने कहा कि सहकारिता की परियोजना से पांच साल में
गांव गांव में हर फील्ड में कार्य पूरे होंगे। डेरी से विपणन प्रबंध पौध कृषि पशुपालन मत्स्य पालन सहित अनेक बुनियादी कार्य किये जा रहे हैं।

अपर निबन्धक ईरा उप्रेती ने कहा कि सहकारिता ने बहुत अच्छे काम किये हैं। जो काम किये हैं उसका ब्रांड नाम देना चाहिए। ताकि सहकारिता की और प्रमाणिकता बढ़े।

टिहरी जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन श्री सुभाष रमोला ने कहा कि, सहकारिता में प्रदेश में गत पांच वर्ष में सरकार ने बहुत काम किये हैं। उन्होंने रजिस्ट्रार सहित सभी अफसरों से कहा कि सहकारिता के जिले व ब्लॉक स्तर के अफसरों को और अधिक सक्रिय करने की जरूत है।

उत्तराखंड सहकारी संघ के चेयरमैन श्री मातबर सिंह रावत ने कहा कि,
आज गौरव का दिन है जो हम लोगों को 100 वर्ष मनाने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा 5 वर्ष में एम पैक्स सक्रीय हुए हैं।

संयुक्त निबन्धक श्री एमपी त्रिपाठी ने कहा कि सहकारिता समुदाय विषय का काम है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि दुनिया बर्बादी की तरफ जा रहा हैं। एक मात्र समाधान सहकारिता है। 1923 से अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस की नींव रखी गई।
इस अवसर पर अपर निबन्धक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल, एमपी त्रिपाठी, रामिन्द्री मंद्रवाल , मान सिंह सैनी, उपनिबंधक श्री गुप्ता , राज्य सहकारी संघ के श्री मातबर सिंह रावत, टिहरी जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन श्री सुभाष रमोला, निदेशक श्री विनोद रावत, श्री मनोज पटवाल, सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए।

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