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बदरी केदार की धरती से तय होगा 2024 के लोकसभा के चुनावी रण का एजेंडा, धामी सरकार के फैसलों से पूरे देश में बनेगा चुनावी माहौल, समान नागरिक संहिता को लेकर उत्तराखंड से तैयार होने वाली नीति का केंद्र को भी इंतजार, जबरन धर्मांतरण, सख्त नकल विरोधी कानून, अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई का दूसरे राज्य भी कर रहे अनुसरण


देहरादून।

लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी रण का शंखनाद इस बार बदरी केदार की धरती से होने जा रहा है। लोकसभा के चुनावी रण का एजेंडा भी इस बार उत्तराखंड की धरती से ही तैयार होने जा रहा है। राज्य की धामी सरकार के फैसलों की गूंज इस बार पूरे देश में सुनाई देने वाली है। देश की राजनीति की धारा को बदलने वाले चुनावी एजेंडे की जमीन उत्तराखंड से ही तैयार होने जा रही है। भाजपा को लगातार तीसरी बार दिल्ली की कुर्सी दिलाने वाले अहम साबित होने वाले मुद्दे इस बार उत्तराखंड की धामी सरकार के पिछले एक साल के फैसलों से तैयार होने जा रहे हैं। समान नागरिक संहिता को लेकर उत्तराखंड सरकार के ड्राफ्ट का इंतजार बेसब्री से केंद्र सरकार समेत देश के कई अन्य राज्यों को भी है। इसी के साथ उत्तराखंड सरकार के जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, अवैध धार्मिक स्थलों को लेकर धामी सरकार के सख्त फैसलों की गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है। धामी सरकार के इन फैसलों ने अभी से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है।
पिछले लोकसभा चुनाव में कश्मीर से धारा 370 हटाना, राम मंदिर निर्माण, सीएए समेत कई अहम मुद्दे थे। इन मुद्दों को केंद्र सरकार ने काफी हद तक पूरा कर दिया है। अब 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के कोर मुद्दों समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण कानून, जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून समेत कई अन्य अहम मसलों पर इस बार चुनावी बिसात तैयार होगी। उत्तराखंड के लिहाज से अहम ये है कि इन अधिकतर मुद्दों को धार देने और इनकी जमीन तैयार करने का काम उत्तराखंड की धामी सरकार कर रही है।
धामी सरकार की पहली ही कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार किए जाने को रंजना देसाई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। इस समिति की रिपोर्ट का केंद्र सरकार भी इंतजार कर रही है। इसी के साथ धामी सरकार के जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून, अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ अपनाए जा रहे सख्त तेवरों और सख्त नकल विरोधी कानून का दूसरे राज्य भी अनुसरण कर रहे हैं।
इन फैसलों के जरिए सीएम धामी को अब भाजपा का केंद्रीय आला कमान पार्टी के भविष्य के रूप में देख कर चल रहा है। सीएम की इसी दूरदर्शिता का अंदाजा पीएम नरेंद्र मोदी को रहा। तभी विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड जीत दिला कर खुद हारने वाले पुष्कर धामी के हाथ में दोबारा कमान सौंपी गई। पीएम मोदी की ओर से सौंपी गई इस जिम्मेदारी का पालन करते हुए एक साल में धामी सरकार ने ऐसा रोड मैप तैयार किया, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत तय करने की एक मजबूत कड़ी साबित होगी। उत्तराखंड से न सिर्फ देश की अखंडता, संप्रूभता को मजबूत करने वाले फैसले लिए जा रहे हैं, बल्कि ऑल वेदर रोड के जरिए देश को सामिरक रूप से मजबूत किया जा रहा है। माणा, मलारी, जादुंग, धारचूला, मुनस्यारी जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों को वाइब्रेंट विलेज के रूप में विकसित कर सीमाओं की रौनक लौटाई जा रही है। बदरीनाथ, केदारनाथ मास्टर प्लान से दोनों धामों को भव्य और दिव्य रूप में स्थापित करते हुए पूरे देश, दुनिया में हिंदुत्व का संदेश दिया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को जमीन पर उतारने की दिशा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी एक सिरे से पूरे उत्तराखंड को नापने में लगे हैं। धरातल पर जाकर योजनाओं को मूर्त रूप देने की दिशा में काम किया जा रहा है।

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