Site icon GAIRSAIN TIMES

धामी सरकार जमीनों की गड़बड़ी पर सख्त, सख्त भू कानून लागू करने से पहले ही सरकार ने कसा शिकंजा, बैठाई जांच, सचिव राजस्व ने आयुक्त नगर निगम की अध्यक्षता में बनाई समिति, मास्टर प्लान में नदियों को मोड़ने वालों पर भी नजर

धामी सरकार जमीनों की गड़बड़ी पर सख्त, सख्त भू कानून लागू करने से पहले ही सरकार ने कसा शिकंजा, बैठाई जांच, सचिव राजस्व ने आयुक्त नगर निगम की अध्यक्षता में बनाई समिति, मास्टर प्लान में नदियों को मोड़ने वालों पर भी नजर


देहरादून।

सीएम पुष्कर धामी जमीनों की गड़बड़ी को लेकर बेहद सख्त हो गई है। इन्हीं गड़बड़ियों को रोकने को सख्त भू कानून लागू करने की तैयारी है। लेकिन सरकार ने इससे पहले ही सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में जमीनों की इन्हीं गड़बड़ियों को लेकर आई शिकायतों पर शासन ने जांच बैठा दी है। सचिव राजस्व ने आयुक्त नगर निगम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है। समिति को 11 अक्तूबर तक हर हाल में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
शासन राजस्व विभाग में शिकायत पहुंची थी कि राजधानी में एक ही व्यक्ति ने सीलिंग एक्ट के विपरीत जाकर अपने एक रियल स्टेट प्रोजेक्ट में साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि जुटाई। इसके लिए शासन स्तर से किसी भी तरह की कोई मंजूरी नहीं ली गई। शिकायत पूरे साक्ष्यों के साथ की गई। इस मामले में पहले अपर मुख्य सचिव राजस्व आनंद वर्द्धन ने जांच के आदेश दिए थे। आदेश जब तक जारी होते, उनका तबादला हो गया। राजस्व की जिम्मेदारी सचिन कुर्वे को दी गई। सचिन कुर्वे ने भी इस मामले में जांच को एक समिति का गठन कर दिया।
समिति में नगर आयुक्त देहरादून अध्यक्ष, सचिव एमडीडीए और एसडीएम डोईवाला सदस्य बनाए गए हैं। आदेश में साफ किया गया है कि यदि जांच समिति को फील्ड स्टाफ की आवश्यकता होगी, तो जिलाधिकारी देहरादून तत्काल स्टाफ उपलब्ध कराएंगे। प्राप्त शिकायतों की जांच पूरी करते हुए समिति को अपनी रिपोर्ट 11 अक्तूबर तक उपलब्ध करानी है।

मास्टर प्लान में मोड़ दी गई थी नदी
जमीनों की गड़बड़ी, नदियों के स्वरूप से छेड़छाड़ के मामले में पूर्व में मास्टर प्लान पर भी सवाल उठे थे। 1950 और मौजूदा राजस्व मानचित्र, 2013 से पहले के सभी मास्टर प्लान में नदी को उसके मूल स्वरूप में दर्शाया गया था। नदी मास्टर प्लान में आड़ी तिरछी दिखाई गई थी। 2013 में जारी हुए संशोधित मास्टर प्लान में इसी नदी को बिल्कुल स्केल की तरह सीधा दिखा दिया गया। मास्टर प्लान मानचित्र में राजस्व के मूल मानचित्र से पूरी तरह छेड़छाड़ की गई। नदी भूमि से भी छेड़छाड़ की भी शिकायतें रहीं। इसे लेकर आवास विभाग के अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। मास्टर प्लान में एक ही जमीन का एक एक इंच नापकर लैंडयूज तय किया गया था। अब ये तमाम शिकायतें भी जांच समिति के सामने हैं।

Exit mobile version