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सचिव ऊर्जा की सख्ती का दिखा असर, यूपीसीएल का घटा एटीएंडसी लॉस, 2019-20 में 20.44 प्रतिशत लॉस अब पहुंचा 19.01 प्रतिशत, केंद्र से मिलेगा अतिरिक्त दो प्रतिशत ऋण 

सचिव ऊर्जा की सख्ती का दिखा असर, यूपीसीएल का घटा एटीएंडसी लॉस, 2019-20 में 20.44 प्रतिशत लॉस अब पहुंचा 19.01 प्रतिशत, केंद्र से मिलेगा अतिरिक्त दो प्रतिशत ऋण

देहरादून।

सचिव ऊर्जा राधिका झा की सख्ती का असर पॉवर सेक्टर में दिख रहा है। इसी सख्ती का असर रहा, जो यूपीसीएल का एटीएंडसी लॉस 2019-20 में 20.44 प्रतिशत लॉस से घट कर अब 19.01 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इसके चलते राज्य को अब केंद्र से दो प्रतिशत अतिरिक्त ऋण मिलेगा। ऊर्जा निगम सालाना लॉस को घटाने में कामयाब रहा। एटीएंडसी लॉस जो पिछले साल 20.44 प्रतिशत रहे। वो अब 19.01 प्रतिशत पहुंच गया है। इससे यूपीसीएल केंद्र की ओर से दिए गए रिफॉर्म के मानक को पूरा करने में सफल रहा। इसके चलते अब राज्य को केंद्र से योजनाओं में दो प्रतिशत अधिक ऋण मिल सकेगा।
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि राज्य के ऊर्जा सेक्टर में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत सकल राज्य घरेलू उत्पाद का अतिरिक्त दो प्रतिशत ऋण सुविधा का लाभ लेने को तय लक्ष्य से अधिक प्राप्त किए गए हैं। केंद्र ने राज्य को अतिरिक्त ऋण का लाभ उठाने को राज्य में बिजली हानियों तथा विद्युत के एसीएस-एआरआर गैप में कमी लाने के लक्ष्य निर्धारित किए।
वर्ष 2019-20 में लॉस 20.44 प्रतिशत रहा। केंद्र ने एक अप्रैल 2020 से 31 दिसम्बर 2020 तक लॉस को 1.09 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा। इस लिहाज से लॉस 19.35 प्रतिशत होना चाहिए था। तय लक्ष्य की बजाय लॉस 19.01 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। इसके चलते उत्तराखंड को 0.05 प्रतिशत के अतिरिक्त ऋण का लाभ उठाने की अनुमति मिल जाएगी।
बताया कि वर्ष 2019-20 के लिए एसीएस-एआरआर का अंतर 0.40 रुपये प्रति यूनिट है। केंद्र ने एक अप्रैल, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 तक इस अंतर को 10 प्रतिशत की दर से कमी का लक्ष्य रखा। जो 0.36 रुपये प्रति यूनिट रहा। इसकी बजाय यूपीसीएल ने 0.28 रुपये प्रति यूनिट का लक्ष्य हासिल किया। इससे भी राज्य को 0.05 प्रतिशत के अतिरिक्त ऋण का लाभ उठाने की अनुमति मिलेगी।

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