दो हिस्सों में जमा होगी सहकारी बैंक भर्ती की जांच रिपोर्ट, पहले चरण में देहरादून डीसीबी की जांच रिपोर्ट शासन को कराई जाएगी जमा, दूसरे चरण में यूएसनगर और पिथौरागढ़ डीसीबी की जमा होगी रिपोर्ट
देहरादून।
जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी भर्ती में हुई गड़बड़ी की जांच लगभग पूरी हो गई है। शासन को जांच रिपोर्ट दो चरणों में जमा होगी। पहले चरण में देहरादून डीसीबी की जांच रिपोर्ट जमा होगी। दूसरे चरण में यूएसनगर और पिथौरागढ़ की रिपोर्ट शासन को दी जाएगी। यूएसनगर और पिथौरागढ़ की जांच रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकि है।
जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं थी। इन गड़बड़ियों के बीच देहरादून, हरिद्वार और यूएसनगर ने रिजल्ट जारी कर दिए थे। इन रिजल्ट पर भी जमकर विवाद हुआ था। इन भर्तियों में बड़ी संख्या में अफसर और नेताओं के चहेतों को भर्ती किए जाने की शिकायतें सामने आईं। खुद सहकारिता और सहकारी बैंकों के कई अफसरों ने अपने रिश्तेदारों को भर्ती कराया। इन शिकायतों पर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के आदेश पर जांच शुरू हुई।
जांच का जिम्मा तेज तर्रार उपनिबंधक नीरज बेलवाल को दिया गया। उनके साथ मान सिंह सैनी को सदस्य बनाया गया। समिति ने एक एक बिंदु की गहन पड़ताल करते हुए जांच रिपोर्ट तैयार की है। सूत्रों के अनुसार देहरादून जिले की जांच रिपोर्ट तैयार है। एक दो दिन में जांच रिपोर्ट सचिव सहकारिता को सौंप दी जाएगी। उसके बाद अगले सप्ताह तक यूएसनगर और पिथौरागढ़ की रिपोर्ट दी जाएगी।
हरिद्वार की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी
डीसीबी हरिद्वार में हुई चतुर्थ श्रेणी की भर्ती में सबसे अधिक गड़बड़ियां सामने आई हैं। यहां सबसे अलग हट कर चतुर्थ श्रेणी के लिए कम्प्यूटर सर्टिफिकेट मांगा गया। कम्प्यूटर ज्ञान के नाम पर बिना टाइपिंग कराए ही नंबर दे दिए गए। नंबर सिर्फ कम्प्यूटर कोर्स प्रमाण पत्र को देखकर ही दे दिए गए। जबकि किसी दूसरे जिले में कम्प्यूटर प्रमाण पत्र नहीं मांगे गए। इसी तरह हरिद्वार में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को जीरो नंबर दे दिए गए। तीनों जिलों में अभ्यर्थियों के लगाए गए अनुभव प्रमाण पत्र भी संदेह के घेरे में हैं।