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कर्मकार कल्याण बोर्ड के घपलों की फिर खुलेगी कलई, फिर से ऑडिट शुरू, 2017 से लेकर 2022 तक पूरे पांच साल के कार्यों की पड़ताल, डेढ़ साल में दूसरी बार शुरू हो रहा है बोर्ड का ऑडिट

कर्मकार कल्याण बोर्ड के घपलों की फिर खुलेगी कलई, फिर से ऑडिट शुरू, 2017 से लेकर 2022 तक पूरे पांच साल के कार्यों की पड़ताल, डेढ़ साल में दूसरी बार शुरू हो रहा है बोर्ड का ऑडिट


देहरादून।

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का एकबार फिर से ऑडिट शुरू हो गया है। महज डेढ़ साल के भीतर बोर्ड के कामकाज का दूसरी बार ऑडिट हो रहा है। इस बार ऑडिट में वर्ष 2017 से लेकर 2022 के बीच के कार्यकाल का ऑडिट हो रहा है।
पिछली बार नवंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक ऑडिट चला। इस ऑडिट में भी बड़े स्तर पर गड़बड़ियां पाई गई थी। जिन पर ऑडिट ने सवाल उठाए थे। बिना नियम कायदों के बोर्ड में वाहन खरीदे गए। सामान खरीद की टेंडर प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए। श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं में भी नियमों की अनदेखी हुई। श्रमिक की बेटी शादी में 51 हजार देने का नियम है, लेकिन बोर्ड ने एक लाख तक दिए।
इसी तरह जिस कंपनी को आईटी और स्किल डेवलपमेंट का काम दिया गया, उन्हीं कंपनियों से साइकिल, टूल किट, छाता, सेनेट्री नैपकिन समेत राशन किट तक खरीदवा दी गई। राज्य से बाहर की कंपनियों से सामान खरीदने पर भी ऑडिट में सवाल उठाए गए थे। ऑडिट में बोर्ड के कामकाज पर भी सवाल उठाए गए। पुराने ऑडिट की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक भी नहीं हुई कि अब नए सिरे से ऑडिट शुरू हो गया है। अभी बोर्ड से 2017 से 2022 के बीच के दस्तावेज मांगे गए हैं।

एक एक लाभार्थी का मांगा ब्यौरा, छूट रहे पसीने
ऑडिट को लेकर एजी ऑफिस ने सवालों की एक लंबी चौड़ी फेहरिस्त सौंपी है। किस लाभार्थी को क्या सामान मिला, किसे क्या सुविधाएं दी गईं। इसका पूरा ब्यौरा मांगा गया है। यहां तक की एक एक लाभार्थी का नाम सहित पूरा ब्यौरा मांगा गया है। इसे जुटाने में बोर्ड के पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि बोर्ड के पास इसका पूरा ब्यौरा ही नहीं है। ये ब्यौरा जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की जांच तक में पकड़ में पूरी तरह नहीं आ पाया था। शासन ने देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर और पौड़ी के डीएम को सिर्फ साइकिल वितरण की जांच सौँपी थी। सभी डीएम पूरी जांच नहीं कर पाए थे। जांच में भी असल लाभार्थी नहीं मिल पाए थे।

इस बार जिला स्तर तक होगी पड़ताल
एजी ऑफिस की ऑडिट टीम इस बार सिर्फ मुख्यालय में बैठ कर ही पड़ताल नहीं करने वाली। बल्कि इस बार बताया जा रहा है कि जिलों में जाकर भी पड़ताल होगी। मुख्यालय में मिलने वाले आंकड़ों की जिला स्तर पर जाकर भी पड़ताल होगी।

ऑडिट के बहाने पूर्व मंत्री हरक सिंह की घेरेबंदी
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में ये तमाम विवाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बतौर अध्यक्ष रहते उठे। बाद में उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। पद से हटाने के बाद शासन ने बोर्ड के कामकाज को लेकर एक के बाद एक कई जांच बैठाई। कई जांच अभी शासन स्तर पर लंबित हैं। कई जांच में कुछ लोगों पर कार्रवाई की संस्तुति भी की गई। ऐसे में अब नए सिरे से ऑडिट शुरू होने से पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नए सिरे से घेरेबंदी की तैयारी है। न सिर्फ हरक सिंह, बल्कि कई अन्य रसूखदार भी निशाने पर हैं। इन तमाम मामलों से जुड़े कई रसूखदार अभी भी पॉवरफुल बताए जा रहे हैं।

ऑडिट होने से पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। आगे बेहतर काम करने के लिए पुराने सभी मामलों की भी पड़ताल हो जाएगी। एजी ऑफिस की ऑडिट करने वाली टीम को पूरा सहयोग किया जा रहा है। एक एक ब्यौरा उपलब्ध कराने के आदेश दे दिए गए हैं।
पीसी दुम्का, सचिव उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड

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