तबादला एक्ट को तत्काल किया जाए समाप्त, उत्तरांचल फैडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन उत्तराखंड ने उठाई मांग, एक्ट की विसंगतियों का निस्तारण न करने पर उठाए सवाल, पुरानी नियमावली पर जोर
देहरादून।
उत्तरांचल फैडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन उत्तराखंड ने तबादला एक्ट को ही समाप्त करने की मांग की। एक्ट की विसंगतियों का निराकरण न होने और विभागों के स्तर पर अपने अपने तरीके से नियम विरुद्ध स्थानांतरण किए जाने पर गहरी नाराजगी भी जताई। पहले की तरह स्थानांतरण नियमावली को ही लागू करने की मांग की।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल और महामंत्री मुकेश बहुगुणा ने कहा की मिनिस्टीरियल फेडरेशन काफी लंबे समय से तबादला एक्ट की विसंगतियों के निस्तारण की मांग कर रहा है। एक्ट लागू हुए चार वर्ष हो चुके हैं। इसके बाद भी शासन ने आज तक फैडरेशन के स्तर पर सामने लाई गई विसंगतियों के निस्तारण की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए। इसे लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
कहा की जब से तबादला एक्ट लागू किया गया है, तब से स्थानांतरण सत्र शून्य घोषित किया गया है। कभी इसे दस प्रतिशत या 15 प्रतिशत ही तबादले किए जाने के आदेश दिए जाते हैं। आज तक शत प्रतिशत तबादले किसी भी सत्र में एक्ट लागू होने के बाद नहीं हो पाए हैं। इससे तबादला एक्ट का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। उल्टा इसके विपरीत 10 और 15 प्रतिशत तबादलों में भी कई विभागों के स्तर पर मनमाने तरीके से नियम विरुद्ध तबादले किए जा रहे हैं। इस तरह कर्मचारियों का मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है।
कहा कि जिन लोगों की ऊंची सिफारिश रहती है, उनके तबादले एक्ट की धारा 27 के तहत शासन स्तर से किए जाते हैं। आम कर्मचारी की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस संबंध में कई बार फैडरेशन ने शासन में विसंगतियां दूर करने की मांग की है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक को समस्याओं से अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी यदि विसंगतियों का निस्तारण नहीं किया जाता, तो आंदोलन तय है।
