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फिट रहने की कोई उम्र नहीं होती : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जीटी रिपोर्टर देहरादून

फिट इंडिया मूवमेंट के  एक साल पूरा होने पर आज  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों और फिटनेस प्रभावितों के कई खिलाड़ियों से बातचीत की ताकि फिटनेस के महत्व और स्वस्थ मन और शरीर के बारे में विस्तार से बताया जा सके ।           

पिछले साल इस आंदोलन की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा था कि फिटनेस एक शब्द नहीं है बल्कि स्वस्थ और  समृद्ध जीवन की एक जरूरी शर्त है. फिटनेस हमारे जीवन का सहज हिस्सा रही है. उन्होंने कहा था कि व्यायाम से ही स्वास्थ्य, लंबी आयु, शक्ति और सुख की प्राप्ति होती है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘न्यू इंडिया-फिट इंडिया’   नाम से एक नया मंत्र दिया था.

पिछले साल फिट इंडिया अभियान की शुरूआत के बाद से देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा  लिया. करीब साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने फिट इंडिया फ्रीडम रन  , साइक्लोसोन, फिट इंडिया वीक, फिट इंडिया स्कूल सर्टिफिकेट जैसे कई कार्यक्रमों में शिरकत की.  

 कोविड-19 महामारी के इस दौर में फिटनेस जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू बन चुका है.  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिट इंडिया मूवमेंट के एक साल पूरा होने पर कई हस्तियों से बात की। इस ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और पैरालिंपियन देवेंद्र झाझरिया के अलावा मॉडल, रनर और ऐक्टर मिलिंद सोमन, न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने न्यूट्रिशनिस्ट को अपनी फिटनेस की सीक्रेट रेसिपी मोरिंगा के पराठे के बारे में भी बताया।

पीएम मोदी ने न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर के संग फिट इंडिया मुहिम पर चर्चा की। इस दौरान रुजुता ने बताया कि हम जो सामान्य खाना खाते हैं, उसका सेवन करके भी हम फिट रह सकते हैं क्योंकि उसमें सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं। पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान बताया, ‘मेरी भी एक रेसिपी है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि वह फिट रहने के लिए  सहजन के पत्ते  के पराठे बनाकर खाते हैं। पीएम ने बताया कि वह हफ्ते में एक या दो बार इसको खाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह पब्लिक के लिए जरूर इस रेसिपी को रखेंगे।

 पीएम मोदी ने न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर से बातचीत के दौरान बताया कि वह कोरोना वायरस के इस मुश्किल दौर में अपनी मां से हफ्ते में 2-3 बार बात करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं अपनी मां को फोन करता हूं तो वह पूछती हैं कि हल्दी लेते हो या नहीं।’

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