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हर खेत को पानी योजना के मानकों में हो बदलाव, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से की मांग 

हर खेत को पानी योजना के मानकों में हो बदलाव, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से की मांग

देहरादून।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों की दुर्गम स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत हर खेत को पानी योजना के मानकों में बदलाव की मांग की। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से कहा कि पर्वतीय राज्यों के लिये मानको में परिवर्तन या शिथिलीकरण प्रदान किया जाना चाहिए।
सीएम ने कहा कि सर्फेस माइनर इरीगेशन स्किम में नहरों की पुनरोद्धार, जीर्णोद्धार, सृदृढीकरण तथा विस्तारीकरण की योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में नहर निर्माण की लागत अधिक होने के कारण वर्तमान प्रचलित गाईड लाईन 2.50 लाख रूपए प्रति हैक्टेयर लागत की सीमा को बढ़ाकर 3.50 लाख रूपये प्रति हैक्टेयर किया जाए। पीएमकेएसवाई के तहत 422 लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति देने का भी अनुरोध किया। सीएम ने केन्द्र पुरोनिधानित बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम (सीएसएस-एफएमपी) के अन्तर्गत निर्माणाधीन 38 नई बाढ़ सुरक्षा योजनाओं की अनुमानित लागत 1108.38 करोड़ रूपये, की इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस की स्वीकृति देने का अनुरोध किया।
सीएम ने कहा कि सीएसएस एफएमपी के तहत निर्माणाधीन 12 योजनायें जिनकी स्वीकृत लागत 158.67 करोड़ रूपए के सापेक्ष केन्द्रांश की धनराशि 29.52 करोड़ रूपये की राशि केंद्र के स्तर से जारी की जानी शेष है। उपरोक्त सभी कार्यों की स्वीकृत लागत के सापेक्ष राज्यांश की सम्पूर्ण धनराशि पूर्व में ही राज्य सरकार निर्गत कर चुकी है। भारत सरकार द्वारा पूर्व में अवमुक्त केन्द्रांश की धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग, पटना, भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के केन्द्र पुरोनिधानित बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत 38 नई बाढ़ सुरक्षा योजनायें, अनुमानित लागत 1108.38 करोड़ रूपए है। गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग, पटना, जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टेक्नो इकोनोमिक क्लीयरेंस प्रदान किया जा चुका है। इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस के लिये प्रस्ताव जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया है, जिस पर स्वीकृति मिलनी है।

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